एसएमएस से जालसाजी पर सरकार ने नकेल कसी, आठ इकाइयों को काली सूची में डाला |

एसएमएस से जालसाजी पर सरकार ने नकेल कसी, आठ इकाइयों को काली सूची में डाला

एसएमएस से जालसाजी पर सरकार ने नकेल कसी, आठ इकाइयों को काली सूची में डाला

:   Modified Date:  May 27, 2024 / 09:22 PM IST, Published Date : May 27, 2024/9:22 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) सरकार ने एसएमएस के जरिये जालसाजी पर नकेल कसते हुए पिछले तीन माह में 10,000 से अधिक धोखाधड़ी संदेश भेजने में इस्तेमाल किए गए एसएमएस हेडर के पीछे की आठ ‘प्रमुख इकाइयों’ को काली सूची में डाल दिया है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने गृह मंत्रालय (एमएचए) के सहयोग से ‘संचार साथी’ पहल के जरिये नागरिकों को संभावित एसएमएस धोखाधड़ी से बचाने के लिए आठ इकाइयों के खिलाफ यह निर्णायक कार्रवाई की है।

एसएमएस के जरिये ग्राहकों को वाणिज्यिक संदेश भेजने वाली व्यावसायिक या कानूनी संस्थाओं को दूरसंचार जगत की भाषा में ‘प्रमुख इकाई’ कहा जाता है। वहीं हेडर का आशय वाणिज्यिक संचार भेजने के लिए ‘प्रमुख इकाई’ को आवंटित एक विशिष्ट शृंखला से है जिसमें अंक एवं अक्षर दोनों होते हैं।

गृह मंत्रालय के तहत संचालित ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (आई4सी) ने साइबर अपराध के इरादे से धोखाधड़ी वाले संदेश भेजने के लिए आठ एसएमएस हेडर के दुरुपयोग के बारे में जानकारी मुहैया कराई।

यह पाया गया कि पिछले तीन महीनों में इन आठ हेडर का इस्तेमाल करते हुए 10,000 से अधिक धोखाधड़ी वाले संदेश भेजे गए थे। इन आठ एसएमएस हेडर का स्वामित्व रखने वाली प्रमुख संस्थाओं को काली सूची में डाल दिया गया है।

बयान के मुताबिक, आठ प्रमुख संस्थाओं के साथ उनके स्वामित्व वाले 73 एसएमएस हेडर और 1,522 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट को भी काली सूची में डाल दिया गया है। अब इनमें से किसी भी प्रमुख संस्था, एसएमएस हेडर या टेम्पलेट का इस्तेमाल एसएमएस भेजने के लिए नहीं किया जा सकता है।

दूरसंचार विभाग ने इन संस्थाओं को काली सूची में डालकर नागरिकों के संभावित उत्पीड़न को रोका है, और साइबर अपराध के खिलाफ नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

इसके साथ ही विभाग ने चेतावनी दी कि टेलीमार्केटिंग गतिविधियों के लिए मोबाइल नंबरों के उपयोग की अनुमति नहीं है।

यदि कोई उपभोक्ता प्रचारात्मक संदेश भेजने के लिए अपने टेलीफोन कनेक्शन का इस्तेमाल करता है, तो पहली शिकायत पर उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा और उसका नाम एवं पता दो साल की अवधि के लिए काली सूची में डाला जा सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)