सरकार कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर बढ़ाएः एसईए

सरकार कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर बढ़ाएः एसईए

सरकार कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर बढ़ाएः एसईए
Modified Date: November 21, 2023 / 03:38 pm IST
Published Date: November 21, 2023 3:38 pm IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) खाद्य तेल उद्योग के निकाय एसईए ने घरेलू उद्योग के संरक्षण के लिए सरकार से कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की मांग की है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने संगठन के सदस्यों को लिखे एक पत्र में कहा है कि भारतीय वनस्पति तेल (खाद्य और गैर-खाद्य तेल मिलाकर) रिफाइनिंग उद्योग इस समय चुनौतियों का सामना कर रहा है।

उन्होंने बयान में कहा, ‘‘तीन लाख करोड़ रुपये के आकार वाले भारतीय खाद्य तेल उद्योग का काफी महत्व है। पिछले 12 वर्षों में इंडोनेशिया और मलेशिया ने रिफाइंड तेल की तुलना में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर अधिक निर्यात कर लगाया है। इससे रिफाइंड तेल सस्ता हो गया है जिससे भारतीय रिफाइनिंग क्षमता बेकार हो गई है।’’

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झुनझुनवाला ने कहा कि भारत में सीपीओ और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है जो मलेशिया और इंडोनेशिया में रिफाइनिंग उद्योग के हितों के ही अनुकूल है।

उन्होंने कहा कि दोनों तेलों के बीच शुल्क अंतर कम होने से घरेलू वनस्पति तेल रिफाइनिंग उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार को कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को एक बार फिर 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर देना चाहिए।

एसईए अध्यक्ष ने कहा कि नवंबर, 2022- अक्टूबर, 2023 के तेल विपणन सत्र में भारत ने 167.1 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात किया, जो इसका सर्वकालिक उच्चस्तर है। खाद्य तेलों का आयात 164.7 लाख टन के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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