अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए सरकार एक कार्यबल का गठन करेगी: प्रधानमंत्री मोदी

अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए सरकार एक कार्यबल का गठन करेगी: प्रधानमंत्री मोदी

अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए सरकार एक कार्यबल का गठन करेगी: प्रधानमंत्री मोदी
Modified Date: August 15, 2025 / 01:04 pm IST
Published Date: August 15, 2025 1:04 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ‘अगली पीढ़ी के सुधारों’ के लिए एक कार्यबल के गठन और और जीएसटी कानूनों में संशोधन किए जाने की घोषणा की।

 ⁠

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 103 मिनट के अपने संबोधन का बड़ा हिस्सा सेमीकंडक्टर से लेकर उर्वरक तक विभिन्न क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित रखा।

वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य और अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए उच्च शुल्क को देखते हुए प्रधानमंत्री की ये घोषणाएं काफी अहम हैं।

मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ”हमने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक कार्यबल गठित करने का निर्णय लिया है। यह कार्यबल मौजूदा कानूनों को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर काम करेगा और देश को वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने के लिए तैयार करेगा।”

‘अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए कार्यबल’ सभी मौजूदा आर्थिक गतिविधियों से जुड़े कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करेगा।

यह पैनल स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत को कम करने की दिशा में काम करेगा।

यह कार्यबल मनमानी कानूनी कार्रवाइयों के भय से मुक्ति दिलाने, कानूनों को आसान बनाने और कारोबार करने में सहूलियत सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा। इन सुधारों का मकसद नवाचार, उद्यमिता और आर्थिक विकास के लिए एक सहायक वातावरण तैयार करना है।

एक अन्य बड़ी घोषणा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं पर कर को कम करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लाएगी, जिससे आम आदमी का कर बोझ घटेगा। यह आपके लिए दिवाली का तोहफा होगा।’’

उन्होंने कहा कि इन सुधारों के जरिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों को सीधा लाभ मिले और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।

मोदी ने कहा कि भारत संरचनात्मक, नियामकीय, नीतिगत, प्रक्रियात्मक और कार्यप्रणाली सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि एक ऐसा राष्ट्र बनाया जा सके जहां शासन जनता के लिए काम करे, न कि जनता शासन के लिए काम करे।

प्रत्यक्ष करों के मोर्चे पर सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने हाल ही में पारित नये आयकर विधेयक तथा 12 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत वार्षिक आय पर शून्य कर की बात की।

सेमीकंडक्टर उद्योग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 50–60 साल पहले भारत में कारखाने स्थापित करने के प्रयास ‘जन्म से पहले ही खत्म कर दिए गए’ जबकि अन्य देश आगे बढ़ते गए।

उन्होंने कहा कि भारत अब मिशन मोड में काम कर रहा है और साल के अंत तक देश का पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप जारी कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष के अंत तक देश अपना पहला भारत मे निर्मित चिप बाजार में उतार देगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से फसल पोषक तत्वों के विवेकपूर्ण उपयोग और आयात में कटौती के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान भी किया।

उर्वरक क्षेत्र में आयात पर निर्भरता के कारण विदेशी मुद्रा के बाहर जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए मोदी ने किसानों से उर्वरकों का समझदारी से उपयोग करने की अपील की।

भारत अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया के साथ फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पी एंड के) उर्वरकों का भी बड़े पैमाने पर आयात करता है।

भाषा योगेश प्रेम

प्रेम


लेखक के बारे में