(तस्वीर के साथ)
मुंबई, 25 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि 50 करोड़ टन इस्पात उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य काफी कम है और देश में इस धातु की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ने के साथ उद्योग को अधिक उत्पादन का लक्ष्य रखना चाहिए।
गोयल इस्पात मंत्रालय और उद्योग मंडल फिक्की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘स्टील इंडिया 2025’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गोयल ने उद्योग से कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से 50 करोड़ टन (इस्पात उत्पादन) का लक्ष्य कम है। मुझे लगता है कि हमें कम-से-कम अपने निकटतम प्रतिस्पर्धी के स्तर तक जाने की आकांक्षा रखनी चाहिए। हम वर्ष 2047 तक दुनिया के सबसे बड़े इस्पात निर्माता बनने की आकांक्षा क्यों नहीं रख सकते।’’
इस्पात उद्योग को देश की अर्थव्यवस्था की ‘रीढ़’ बताते हुए मंत्री ने देश के विकसित और समृद्ध देश बनने की यात्रा में इस्पात की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस्पात जीवन के लगभग हर क्षेत्र का एक आवश्यक घटक है, चाहे वह जहाजरानी, जहाज-निर्माण, रेलवे, रक्षा, वाहन क्षेत्र हो, देश भर में बुनियादी ढांचा हो, यह जीवन के हर क्षेत्र में मौजूद है।’’
केंद्रीय मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने पर सरकार के विशेष ध्यान पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि भारत की वर्तमान प्रति व्यक्ति इस्पात खपत 100 किलोग्राम है जो बहुत कम है, और इसे बढ़ाकर 700 किलोग्राम करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्पात उत्पादन श्रृंखला के हर पहलू – कच्चे माल से लेकर विनिर्माण तक – को गुणवत्ता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी दोनों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
गोयल ने आगाह किया कि उच्च मानकों का पालन करते हुए, उद्योग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह लागत-प्रतिस्पर्धी बना रहे।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
प्रेम
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)