जीएसएफसी ने कैल्शियम नाइट्रेट, बोरोनेटिड कैल्शियम नाइट्रेट की देशी किस्म की पेशकश की
जीएसएफसी ने कैल्शियम नाइट्रेट, बोरोनेटिड कैल्शियम नाइट्रेट की देशी किस्म की पेशकश की
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स इंडिया लिमिटेड (जीएसएफसी) ने शुक्रवार को कैल्शियम नाइट्रेट और बोरोनेटिड कैल्शियम नाइट्रेट की स्वदेशी किस्मों को पेश किया।
रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित कार्यक्रम में इन उत्पादों को पेश किया।
कैल्शियम नाइट्रेट का उपयोग खेती के लिए, पानी में घुलनशील उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, इस उत्पाद का उपयोग अपशिष्ट जल उपचार में और सीमेंट कंक्रीट की ताकत बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
भारत में पहली बार कैल्शियम नाइट्रेट और बोरोन युक्त कैल्शियम नाइट्रेट का निर्माण किया जा रहा है। अब तक इसे दूसरे देशों से आयात किया जाता था।
एक सरकारी बयान में कहा गया कि ये दोनों उत्पाद पहली बार हिमाचल प्रदेश के सोलन और गुजरात के भावनगर में खुदरा बाजार में पेश किए गए।
मंडाविया ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये उत्पाद घरेलू बाजार में काफी सफल होंगे।’’
उन्होंने कहा कि जीएसएफसी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्ट आह्वान के जबाव में ‘‘आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि’’ की ओर यह निर्णायक कदम उठाया है।
मंडाविया ने कहा कि कैल्शियम नाइट्रेट और बोरोन कैल्शियम नाइट्रेट की स्वदेशी किस्म, आयातित उर्वरक की तुलना में देश में किसान समुदाय को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा कि जो दो उत्पाद पेश किये गये हैं उन्हें मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित किया गया है।
उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा कि जीएसएफसी के पास मौजूदा समय में इन दोनों उत्पादों के निर्माण के लिए 10,000 टन प्रति वर्ष क्षमता है। तीन महीने के भीतर, उत्पादन प्रति वर्ष 15,000 टन तक बढ़ने की उम्मीद है।
बयान में कहा गया है जीएसएफसी ने अगले नौ से 12 महीने में उत्पादन को बढ़ाकर 30,000 टन करने की योजना बनाई है।
पिछले साल भारत ने 225 करोड़ रुपये में लगभग 1.25 लाख टन कैल्शियम नाइट्रेट का आयात किया था। इसमें से 76 फीसदी चीन और बाकी देशों जैसे नॉर्वे और इजरायल से आयात किया गया था। जीएसएफसी ने खुद पिछले साल 4,600 टन का आयात और बिक्री की थी।
देश भर स्थित जीएसएफसी के क्षेत्रीय कार्यालयों ने भी इस डिजिटल लॉन्च में भाग लिया।
भाषा राजेश राजेश महाबीर
महाबीर

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