GST Big Changes: GST में बड़े बदलाव की तैयारी: खत्म होगा 12% टैक्स स्लैब! अगस्त में हो सकता है बड़ा फैसला
GST Big Changes : प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने GST ढांचे में व्यापक बदलाव के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, और संभावना जताई जा रही है कि अगस्त में होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
GST council meeting, image source: www.performindia.com
- स्लैब सिस्टम में हो सकता है बड़ा बदलाव
- पहले भी हो चुका है प्रयास, लेकिन ठोस कदम नहीं उठे
- अगस्त में हो सकती है अहम बैठक
GST Big Changes: देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को लेकर लंबे समय से व्यापारियों, उद्योग जगत और विशेषज्ञों के बीच सुधार की मांग उठती रही है। अब सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने GST ढांचे में व्यापक बदलाव के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, और संभावना जताई जा रही है कि अगस्त में होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
स्लैब सिस्टम में हो सकता है बड़ा बदलाव
वर्तमान में GST की चार प्रमुख दरें – 5%, 12%, 18% और 28% – लागू हैं। सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ा बदलाव 12% स्लैब को हटाने को लेकर हो सकता है। इस स्लैब के अंतर्गत आने वाले उत्पादों और सेवाओं को या तो 5% या फिर 18% स्लैब में समायोजित किया जा सकता है। इससे टैक्स ढांचे को और सरल बनाने में मदद मिलेगी।
क्यों जरूरी हैं ये बदलाव?
GST Big Changes सरकार का मानना है कि मौजूदा GST ढांचे में कई जटिलताएं हैं, जिनसे खासकर छोटे और मध्यम उद्यमों को इनवॉइसिंग, इनपुट टैक्स क्रेडिट और कंप्लायंस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। टैक्स की अलग-अलग दरें भी भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं। इसीलिए सरकार अब इसे सरल, स्पष्ट और व्यापार अनुकूल बनाने के प्रयास में है। साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि इस तरह के सुधार भविष्य में भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) के दौरान व्यापारियों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
पहले भी हो चुका है प्रयास, लेकिन ठोस कदम नहीं उठे
GST दरों की समीक्षा और तर्कसंगत बनाने के लिए पहले भी मंत्रियों के एक समूह को ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अब, आर्थिक स्थिति के बेहतर होने के साथ, सरकार राजनीतिक और प्रशासनिक माध्यमों से सुधारों को लागू करने के लिए सक्रिय हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने आंतरिक चर्चा शुरू कर दी है और जल्द ही राज्यों से बातचीत कर आम सहमति बनाई जाएगी।
मुआवजा सेस की भी चर्चा
GST लागू होने पर राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र ने 28% स्लैब वाले सामानों पर “Compensation Cess” लगाया था, जिसकी अवधि जून 2022 तक थी। लेकिन कोविड के कारण राजस्व में भारी गिरावट आने के बाद केंद्र को कर्ज लेकर राज्यों को भुगतान करना पड़ा। चूंकि वह कर्ज अब तक नहीं चुकाया गया है, इसलिए केंद्र सरकार ने सेस की अवधि को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है।
अगस्त में हो सकती है अहम बैठक
अब सभी की निगाहें अगस्त में होने वाली GST काउंसिल की बैठक पर टिकी हैं, जिसमें नए GST स्ट्रक्चर पर अंतिम प्रस्ताव पेश किया जाएगा। अगर ये बदलाव लागू होते हैं, तो 2017 में GST लागू होने के बाद यह सबसे बड़ा ढांचागत सुधार माना जाएगा।
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