जीएसटी कटौती से खुदरा ऋण मांग बढ़ी, युवा कर्ज लेने में सतर्क: सिबिल
जीएसटी कटौती से खुदरा ऋण मांग बढ़ी, युवा कर्ज लेने में सतर्क: सिबिल
मुंबई, 15 दिसंबर (भाषा) जीएसटी दरों में सुधार से खुदरा ऋण की मांग को बढ़ावा मिला है, लेकिन युवा वर्ग कर्ज लेने में सतर्क दिखाई दे रहे हैं। क्रेडिट सूचना कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
ट्रांसयूनियन सिबिल ने कहा कि सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान संपत्ति के बदले सूक्ष्म ऋण और दोपहिया वाहन ऋण खंड में चूक के मामलों में वृद्धि हुई है।
कंपनी ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में कहा, ”जीएसटी 2.0 के लागू होने के बाद खुदरा ऋण मांग में तेजी आई है, खासकर वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में ऐसा हुआ है।”
कर्ज लेने के लिए पूछताछ की संख्या के लिहाज से 26 से 35 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 40 प्रतिशत थी। इसी तरह 25 वर्ष से कम आयु के लोगों में भी इस तिमाही के दौरान ऋण मांग में कमी देखी गई। कंपनी ने कहा कि इस वर्ग से आने वाली पूछताछ सालाना आधार पर 20 प्रतिशत से घटकर 19 प्रतिशत रह गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि 36 से 55 वर्ष आयु वर्ग के वरिष्ठ उधारकर्ताओं की हिस्सेदारी सितंबर तिमाही में बढ़ी है। वित्तीय संस्थान कर्ज देने में मौजूदा ग्राहकों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
परिसंपत्ति गुणवत्ता के लिहाज से दोपहिया वाहन ऋण में 90 दिनों से अधिक की बकाया राशि वाले मामलों में 0.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उद्यमियों द्वारा लिए जाने वाले सूक्ष्म ऋणों में यह आंकड़ा 0.45 प्रतिशत बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया।
ट्रांसयूनियन सिबिल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी भावेश जैन ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए जीएसटी 2.0 एक जरूरी कदम था और इसका सकारात्मक प्रभाव उपभोक्ता भावना में सुधार तथा ऋण मांग में बढ़ोतरी के रूप में दिखाई दे रहा है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण

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