हर्ष लोढ़ा को एम पी बिड़ला समूह की चार निवेश कंपनियों के बोर्ड से हटाया गया, अदालत गए

हर्ष लोढ़ा को एम पी बिड़ला समूह की चार निवेश कंपनियों के बोर्ड से हटाया गया, अदालत गए

  •  
  • Publish Date - November 19, 2020 / 04:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) बिड़ला और लोढ़ा समूह के बीच दशक भर से चल रहे कानूनी विवाद के बीच हर्ष वर्धन लोढ़ा को एमपी बिड़ला समूह की चार निवेश कंपनियों के निदेशक मंडल से हटा दिया गया है। वहीं लोढ़ा ने इस कदम को चुनौती देते हुए इसे ‘गैरकानूनी’ बताया है।

बिड़ला एस्टेट पर स्वामित्व की कानूनी लड़ाई एच वी लोढ़ा के पिता स्व. आर एम लोढ़ा द्वारा स्व. प्रियंवदा बिड़ला की वसीयत पेश करने के बाद शुरू हुई थी। बिड़ला ने इस वसीयत पर आपत्ति जताई थी। इसमें आर एम लोढ़ा को 5,000 करोड़ रुपये के साम्राज्य का अकेला वारिस घोषित किया गया था। आज इस साम्राज्य का मूल्य 25,000 करोड़ रुपये है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एमसीए 21 पोर्टल पर 18 नवंबर को उपलब्ध सूचना के अनुसार हर्ष लोढ़ा एमपी बिड़ला समूह की चार निवेश कंपनियों…ईस्ट इंडिया इन्वेस्टमेंट, बड़ोदा एजेंट्स एंड ट्रेडिंग कंपनी, पंजाब प्रोड्यूस एंड ट्रेडिंग कंपनी तथा पंजाब प्रोड्यूस होल्डिंग्स के निदेशक मंडल से बाहर हो गए हैं। पोर्टल पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, वह 18 सितंबर, 2020 से इन कंपनियों के निदेशक नहीं रह गए हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 18 सितंबर को आदेश जारी कर हर्ष लोढ़ा के इन कंपनियों में किसी तरह के पद पर रहने से रोक लगाई थी। इन कंपनियों में बिड़ला एस्टेट की हिस्सेदारी के आधार पर यह रोक लगाई गई थी।

इस बीच, लोढ़ा समूह ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर हर्ष लोढ़ा को निदेशक पद से हटाने को चुनौती दी है। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।

लोढ़ा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि इस फैसले को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। एमपी बिड़ला समूह की पांच निवेश कंपनियों के चेयरमैन एम एस शाह ने उच्च न्यायालय के फैसले की गलत व्याख्या कर लोढ़ा को निदेशक पद से हटाया है।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर