शिमला, 24 अप्रैल (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कृषि और बागवानी क्षेत्रों को मजबूत करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष (2025-26) में 2,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री ने कृषि, बागवानी और संबद्ध क्षेत्रों के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार कृषि और बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन के मकसद से सबसे अनुकूल बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए काम कर रही है।
जारी बयान में कहा गया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में पशुधन के योगदान पर जोर देते हुए सुक्खू ने कहा कि डेयरी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अभिनव उपाय किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में प्रायोगिक आधार पर ‘हिम गंगा योजना’ शुरू की है।
इसके अलावा, मिल्कफेड ने मंडी, कुल्लू और शिमला में 120 स्वचालित और 32 डिजिटल दूध संग्रह इकाइयां स्थापित की हैं।
प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती के माध्यम से उत्पादित हल्दी, गेहूं और मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) चालू वित्त वर्ष के लिए क्रमशः 90 रुपये, 60 रुपये और 40 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया है।
बयान में कहा गया है कि सरकार का लक्ष्य इस साल एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाना है।
भाषा राजेश राजेश अनुराग
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