महामारी के बीच साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी; ग्राहकों की सुरक्षा पर लगातार कर रहे काम: एयरटेल सीईओ

महामारी के बीच साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी; ग्राहकों की सुरक्षा पर लगातार कर रहे काम: एयरटेल सीईओ

महामारी के बीच साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी; ग्राहकों की सुरक्षा पर लगातार कर रहे काम: एयरटेल सीईओ
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: May 20, 2021 12:05 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने गुरुवार को महामारी की दूसरी लहर के बीच विभिन्न कार्यों में ऑनलाइन लेन-देन बढ़ने के साथ साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ने को लेकर आगाह किया।

उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी इसे लेकर ‘निरंतर’ काम कर रही है और ग्राहकों को ठगों का शिकार बनने से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय लेकर आगे आ रही है।

विट्टल ने ग्राहकों को भेजे गए एक ई-मेल में ठगों के काम करने के तौर-तरीके का उल्लेख किया और साथ ही डिजिटल भुगतानों के मामले में साइबर ठगी करने वालों की तरफ ध्यान दिलाया।

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उन्होंने कहा, ‘महामारी की दूसरी लहर के बीच देश के कई हिस्सों में लॉकडाइन लगने के साथ, ऑनलाइन लेन-देन में काफी तेजी आयी है। बदकिस्मती से इसके साथ ही साइबर धोखाधड़ी भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है।’

विट्टल ने उपभोक्ताओं को संभावित ठगी के प्रकारों को लेकर आगाह करते हुए कहा कि एयरटेल ने एक ‘इंडस्ट्री फर्स्ट फीचर’ शुरू किया है जो ‘किसी ठग का शिकार बनने के भय के बिना’ सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन की व्यवस्था करने में मदद करेगा।

उन्होंने एयरटेल की दूरसंचार सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों से कहा, ‘कृपया यह बात ध्यान में रखें कि एयरटेल फोन पर वीआईपी नंबर नहीं बेचती और हम आपसे कभी भी किसी तीसरे पक्ष की ऐप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहते हैं। दोनों ही मामलों में तत्काल 121 नंबर पर फोन करके पुष्टि करें। असल में मैं यह कहूंगा कि आपको जब भी कोई शंका हो, तुरंत 121 पर फोन करें।’

धोखाधड़ी करने वालों से सचेत करते हुये उन्होंने कहा कि कोई ठग खुद को एयरटेल का कर्मचारी बताकर आपसे जानकारी ले सकता है और यह जानकारी अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) फार्म को पूरा करने के संबंध में ली जा सकती है। ठगी करने वाला व्यक्ति ग्राहक को ‘एयरटेल क्विक सपोर्ट’ एप को डाउनलोड करने के लिये कहा सकता है जबकि गूगल प्ले स्टेार पर ऐसी कोई है ही नहीं। जैसे ही ग्राहक इसे अपने फोन में स्थापित करता है पूरा उपकरण ठग के सामने आ जाता है और उससे जुड़े तमाम खातों तक उसकी पहुंच हो जाती है।

विट्टल ने उपयोगकर्ताओं से इस प्रकार के झांसे में आने से बचने का आग्रह किया है।

भाषा

प्रणव महाबीर

महाबीर


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