भारत, अफ्रीका के लिए वाहन, कृषि, औषधि में व्यापार और निवेश की काफी संभावनाएं
भारत, अफ्रीका के लिए वाहन, कृषि, औषधि में व्यापार और निवेश की काफी संभावनाएं
नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वाहन, कृषि, औषधि और लॉजिस्टिक में भारत और अफ्रीका के लिए व्यापार और निवेश बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।
बर्थवाल ने कहा कि दोनों क्षेत्रों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022 में 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया और 2030 तक इसे दोगुना कर 200 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अफ्रीकी महाद्वीप मुक्त व्यापार क्षेत्र (एएफसीएफटीए) ने इन चार संभावित क्षेत्रों… मोटर वाहन, कृषि प्रसंस्करण, औषधि और परिवहन तथा लॉजिस्टिक की पहचान की है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमे पूरा भरोसा है कि इन क्षेत्रों में अफ्रीका और भारत के बीच निवेश, व्यापार, प्रौद्योगिकी तथा क्षमता निर्माण के संदर्भ में सहयोग की काफी संभावनाएं हैं।’’
कृषि के संबंध में उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और बीज प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में व्यापार व सहयोग बढ़ा सकते हैं।
सचिव ने कहा कि 2023 में अफ्रीका को भारत का औषधि निर्यात 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। इस क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने तथा अफ्रीकी लोगों को सस्ती दवाएं तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के अवसर मौजूद हैं।
अफ्रीका महत्वपूर्ण खनिजों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, जो हरित ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कोबाल्ट, तांबा, लिथियम, निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिज, पवन टर्बाइन से लेकर इलेक्ट्रिक कार तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महत्वपूर्ण खनिजों की मांग खासकर इलेक्ट्रिक कार के लिए बैटरी के विनिर्माण में काफी है।
सचिव ने कहा कि भारत लॉजिस्टिक क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अफ्रीका से आयात का दायरा बढ़ाने की भी काफी गुंजाइश है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने सम्मेलन में कहा कि ‘ड्यूटी फ्री टैरिफ प्रेफरेंस’ (डीएफटीपी) योजना का अफ्रीका द्वारा पूरी तरह उपयोग नहीं किया गया है और इस पर गौर करने की जरूरत है।
रवि ने सुझाव दिया कि भारतीय कंपनियों को अफ्रीका में उद्योग स्थापित करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि इस महाद्वीप में विनिर्माण के विशाल अवसर हैं।
भाषा निहारिका रमण
रमण

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