भारत में लौह अयस्क उत्पादन में ब्राजील, चीन से आगे निकलने की क्षमता है: वेदांता चेयरमैन |

भारत में लौह अयस्क उत्पादन में ब्राजील, चीन से आगे निकलने की क्षमता है: वेदांता चेयरमैन

भारत में लौह अयस्क उत्पादन में ब्राजील, चीन से आगे निकलने की क्षमता है: वेदांता चेयरमैन

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Modified Date: April 15, 2025 / 11:36 AM IST
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Published Date: April 15, 2025 11:36 am IST

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि भारत में ब्राजील और चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक बनने की क्षमता है।

भारत का लौह अयस्क उत्पादन 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में 3.5 प्रतिशत बढ़कर 23.6 करोड़ मीट्रिक टन हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 22.8 करोड़ मीट्रिक टन था।

वेदांता समूह के चेयरमैन ने बताया कि भारत कैसे लौह अयस्क उत्पादन में ब्राजील और चीन से आगे निकल सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे विशाल भंडार को देखते हुए, हम प्रति वर्ष 70 करोड़ टन उत्पादन कर सकते हैं और ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे सबसे बड़े देश बन सकते हैं… यह काफी हद तक संभव है। इससे भारत को आर्थिक वृद्ध, नौकरियों और राजस्व के मामले में काफी लाभ होगा..’’

अग्रवाल ने वैश्विक लौह अयस्क बाजार में भारत की विकास क्षमता का उल्लेख किया और कहा, ‘‘ लोहे और इस्पात के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है, जो लोहे से बने हैं। हमारे मकानों, हमारे वाहनों, हमारे ‘गैजेट’, सभी को लोहे व इस्पात की आवश्यकता होती है। आज, भारत दुनिया में लौह अयस्क का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है… केवल ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और चीन ही इससे अधिक उत्पादन करते हैं।’’

वेदांता समूह की कंपनी ‘सेसा गोवा आयरन ओर’ गोवा, कर्नाटक और ओडिशा में लौह अयस्क की खोज, खनन और प्रसंस्करण में लगी हुई है।

भाषा निहारिका

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