भारत विश्वसनीय साझेदारों के साथ क्यूसीओ पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था के लिए तैयार है:गोयल

भारत विश्वसनीय साझेदारों के साथ क्यूसीओ पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था के लिए तैयार है:गोयल

भारत विश्वसनीय साझेदारों के साथ क्यूसीओ पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था के लिए तैयार है:गोयल
Modified Date: June 12, 2025 / 12:37 pm IST
Published Date: June 12, 2025 12:37 pm IST

(राजेश राय)

स्टॉकहोम (स्वीडन), 12 जून (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत, अपने विश्वसनीय व्यापारिक साझेदारों के साथ गुणवत्ता मानकों से संबंधित नियमों के क्रियान्वयन पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था के लिए तैयार है।

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उन्होंने कहा कि भारत देश में गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए क्यूसीओ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) को क्रियान्वित कर रहा है।

गोयल ने कहा कि घरेलू व आयातित वस्तुओं के लिए नियम, मानक तथा प्रक्रिया समान हैं और भारत घरेलू विनिर्माताओं एवं विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है।

उन्होंने कहा कि सभी देशों की कंपनियों के साथ समान व्यवहार किया जाता है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन निश्चित रूप से इसमें नवीन समाधान खोजने की गुंजाइश हो सकती है, ताकि अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद बनाने वाले विश्वसनीय साझेदारों के लिए ऐसे मार्ग प्राप्त करना आसान हो जाए, जिससे ऐसी स्वीकृतियां सरल हो सकें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम सुझावों के लिए तैयार हैं। हम आपसी लाभ और आपसी मान्यता के आधार पर कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं, बशर्ते अन्य देश भारत द्वारा निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले सामान का सम्मान करने के लिए तैयार हों और हमें अपनी प्रमाणन प्रक्रिया लागू करने की अनुमति दें। हमें अपने विश्वसनीय साझेदारों को भी ऐसा करने की अनुमति देने में खुशी होगी।’’

मंत्री ने कहा कि ऐसे सभी संबंध एक-दूसरे के नियमों के प्रति आपसी सम्मान पर आधारित होंगे।

अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित अन्य ने इन क्यूसीओ से संबंधित मुद्दे उठाए हैं। यूरोपीय संघ ने इन आदेशों के तहत सरल प्रमाणन प्रक्रियाओं की मांग की है।

क्यूसीओ को घटिया माल के आयात को रोकने और उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। क्यूसीओ कवरेज के तहत उत्पादों की संख्या 2014 में 106 से बढ़कर अक्टूबर 2024 तक 732 से अधिक उत्पादों तक पहुंच गई है।

यह कदम भारत की, घरेलू विनिर्माण मानकों को बढ़ाने तथा निम्न गुणवत्ता वाले आयातों पर अंकुश लगाने की व्यापक रणनीति के अनुरूप है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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