नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) भारत ने घरेलू जेनेरिक दवा उद्योग के हितों की रक्षा के लिए ब्रिटेन के साथ छह मई को घोषित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में ‘डेटा विशिष्टता’ प्रावधान को शामिल नहीं किया गया है।
एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि ब्रिटेन ने इसे शामिल करने की मांग की थी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया है। इस समझौते से भारतीय जेनेरिक उद्योग को कोई डर नहीं है। वास्तव में, हमारा प्रमुख उद्देश्य है कि जेनेरिक दवा उद्योग फले-फूले।’’
यह क्षेत्र भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और तेजी से बढ़ रहा है।
डेटा या आंकड़ों की विशिष्टता के तहत नवोन्मेषण करने वाली कंपनियां अपने उत्पादों की उपयोगिता साबित करने के लिए तैयार किए गए तकनीकी आंकड़ों को सुरक्षा देती हैं।
दवा उद्योग में कंपनियां अपनी नई दवा के असर और सुरक्षा साबित करने के लिए महंगे वैश्विक नैदानिक परीक्षणों के जरिये आंकड़े तैयार करती हैं।
इन आंकड़ों पर विशेष अधिकारी हासिल करके नवाचार करने वाली कपनियां अपने प्रतिस्पर्धियों को एक खास समय तक कम लागत वाले संस्करणों के विपणन से रोक सकती हैं।
भारत का जेनेरिक दवा उद्योग लगभग 25 अरब अमेरिकी डॉलर का है, और देश अपने उत्पादन का 50 प्रतिशत निर्यात करता है।
भाषा पाण्डेय अजय
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