अगले पांच-सात साल में देश में होंगे कम-से-कम पांच सेमीकंडक्टर संयंत्रः वैष्णव
अगले पांच-सात साल में देश में होंगे कम-से-कम पांच सेमीकंडक्टर संयंत्रः वैष्णव
(मौमिता बख्शी चटर्जी)
गांधीनगर, 28 जुलाई (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि भारत की वैश्विक सेमीकंडक्टर आकांक्षा को आपूर्ति शृंखला से जुड़े हरेक पक्ष से भरपूर समर्थन मिल रहा है और अगले पांच-सात वर्षों में देश के भीतर अरबों डॉलर निवेश वाले पांच चिप विनिर्माण संयंत्र शुरू हो जाने का भरोसा है।
वैष्णव ने सेमीकंडक्टर को एक बुनियादी उद्योग बताते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े फ्रिज, टीवी, कार एवं ट्रेन जैसे तमाम उत्पादों में होता है। इसी वजह से सरकार भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण गतिविधियों का हिस्सा बनाना चाहती है।
वैष्णव ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘हमें सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला से जुड़े हरेक हिस्से की तरफ से भरपूर समर्थन मिल रहा है। उपकरण विनिर्माता, गैस एवं कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता, विनिर्माण एवं डिजाइन परिवेश तक हर हिस्से से जुड़े लोग इसका हिस्सा बनने को उत्सुक हैं।’
उन्होंने अनुमान जताया कि अगले पांच-सात वर्षों में देश के भीतर कम-से-कम पांच सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र सक्रिय हो चुके होंगे। उन्होंने कहा, ‘ऐसा मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूं।’
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि हरेक सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए पांच अरब डॉलर या उससे अधिक निवेश की जरूरत होगी। इसका गुणक प्रभाव इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन एवं लैपटॉप विनिर्माण और आईटी हार्डवेयर क्षेत्र पर भी देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘व्यावहारिक तौर पर हरेक विनिर्माण क्षेत्र को इससे बढ़ावा मिलेगा।’
वैष्णव ने कहा कि भारत दुनिया की दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनियों एवं निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनता जा रहा है। इसके पीछे कुशल एवं काबिल कार्यबल, स्थिर एवं पारदर्शी नीति, हरित ऊर्जा और टिकाऊ लॉजिस्टिक ढांचे की अहम भूमिका रही है।
भारत ने सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए 10 अरब डॉलर की एक योजना शुरू की है। इसके जरिये भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने का इरादा है।
भाषा प्रेम
प्रेम रमण
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