ब्रिटेन के साथ एफटीए से पहले साल भारत को होगा 4,060 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान : रिपोर्ट

ब्रिटेन के साथ एफटीए से पहले साल भारत को होगा 4,060 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान : रिपोर्ट

ब्रिटेन के साथ एफटीए से पहले साल भारत को होगा 4,060 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान : रिपोर्ट
Modified Date: July 28, 2025 / 02:23 pm IST
Published Date: July 28, 2025 2:23 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के पहले साल में भारत को 4,060 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है क्योंकि विभिन्न वस्तुओं पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया गया है।

आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) की सोमवार को जारी गणना ब्रिटेन से वर्तमान आयात आंकड़ों पर आधारित है।

इसमें कहा गया कि 10वें वर्ष तक, जैसे-जैसे शुल्क उन्मूलन चरणबद्ध तरीके से व्यापक रूप से लागू होगा वित्त वर्ष 2024-25 के व्यापार की मात्रा के आधार पर वार्षिक घाटा बढ़कर 6,345 करोड़ रुपये या लगभग 57.4 करोड़ ब्रिटिश पाउंड तक पहुंचने का अनुमान है।

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जीटीआरआई ने कहा कि 24 जुलाई को हस्ताक्षरित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के सीमा शुल्क राजस्व में कमी आएगी, क्योंकि विभिन्न वस्तुओं पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया गया है।

भारत ने 2024-25 में ब्रिटेन से 8.6 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया। इन आयात में औद्योगिक उत्पादों का बड़ा हिस्सा शामिल है और इनपर 9.2 प्रतिशत का भारित औसत शुल्क था।

व्हिस्की व जिन जैसी वस्तुओं को छोड़कर अधिकतर कृषि उत्पादों जिनपर 64.3 प्रतिशत का औसत शुल्क लगता है उसे शुल्क कटौती से बाहर रखा गया है।

इसमें कहा गया है कि भारत ने ब्रिटेन से आयातित वस्तुओं के मूल्य के 64 प्रतिशत पर शुल्क को लागू होते ही तुरंत समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है।

कुल मिलाकर, भारत 85 प्रतिशत शुल्क श्रेणियों पर शुल्क समाप्त कर देगा और पांच प्रतिशत शुल्क श्रेणियों या उत्पाद श्रेणियों पर इसे कम करेगा।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ इन कारकों के आधार पर, समझौते के पहले वर्ष में भारत का अनुमानित राजस्व नुकसान 4,060 करोड़ रुपये है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में ब्रिटेन ने भारत से 14.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया, जिस पर भारित औसत आयात शुल्क 3.3 प्रतिशत था।

व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) के तहत ब्रिटेन ने 99 प्रतिशत भारतीय उत्पादों पर शुल्क हटाने को लेकर सहमति व्यक्त की है।

रिपोर्ट में कहा गया , ‘‘ इससे ब्रिटेन को 37.5 करोड़ ब्रिटिश पाउंड (या 47.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर या 3,884 करोड़ रुपये) का अनुमानित वार्षिक राजस्व नुकसान होगा, जो वित्त वर्ष 2024-25 के व्यापार आंकड़ों पर आधारित है। जैसे-जैसे ब्रिटेन को भारतीय निर्यात बढ़ेगा, समय के साथ राजकोषीय प्रभाव बढ़ने का अनुमान है।’’

इस समझौते को लागू होने में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है क्योंकि इसके लिए ब्रिटेन की संसद से मंजूरी की आवश्यकता होगी।

भाषा निहारिका अजय

अजय


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