भारत जल्द बनेगा तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था, सहकारिता क्षेत्र की होगी अहम भूमिकाः शाह |

भारत जल्द बनेगा तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था, सहकारिता क्षेत्र की होगी अहम भूमिकाः शाह

भारत जल्द बनेगा तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था, सहकारिता क्षेत्र की होगी अहम भूमिकाः शाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : September 12, 2022/10:30 pm IST

ग्रेटर नोएडा, 12 सितंबर (भाषा) केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारत कुछ वर्षों में ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा जिसमें सहकारिता क्षेत्र को भी अहम भूमिका निभानी होगी।

शाह ने दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में आयोजित विश्व डेयरी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों के पहले सरकार ग्रामीण स्तर पर दो लाख नई दुग्ध सहकारी समितियों के गठन में मदद करेगी।

उन्होंने डेयरी क्षेत्र से पेशेवर अंदाज, नवीनतम प्रौद्योगिकी, कंप्यूटरीकरण और डिजिटल भुगतान की व्यवस्था को अपनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा बल्कि गरीब देशों को आपूर्ति भी की जा सकेगी।

उन्होंने डेयरी उद्योग से दुग्ध प्रसंस्करण के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों के विनिर्माण में आत्मनिर्भर होने का आह्वान भी किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत 2014 में दुनिया की 14वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था लेकिन अब यह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगले कुछ वर्षों में हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के समय भारत के सहकारिता क्षेत्र के योगदान की भी चर्चा होगी। उन्होंने डेयरी क्षेत्र में सक्रिय सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच फर्क करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि डेयरी सहकारी समितियों ने महिलाओं के सशक्तीकरण में बड़ी भूमिका निभाई है और इससे कुपोषण से जंग करने में भी मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘सहकारिता क्षेत्र और डेयरी सहकारी समितियों ने ग्रामीण विकास में काफी काम किया है।’’

उन्होंने डेयरी उद्योग से प्राकृतिक खेती को अपनी जीवनरेखा बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे लोगों की सेहत सुधरने के साथ आर्थिक व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक कृषि एवं निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए तीन बहु-सहकारी समितियां भी बनाई जा रही हैं।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)