भारतीय दवा उद्योग के 2030 तक 130 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान: गौड़ा

भारतीय दवा उद्योग के 2030 तक 130 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान: गौड़ा

भारतीय दवा उद्योग के 2030 तक 130 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान: गौड़ा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: February 8, 2021 11:51 am IST

नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) रसायन एवं उवर्रक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने सोमवार को कहा कि भारतीय दवा उद्योग कोविड-19 महामारी के बीच वैश्विक जरूरतों के समय गुणवत्तापूर्ण औषधि के भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्वयं को साबित किया है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग के 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।

मंत्री ने कहा कि महामारी के बीच भारतीय दवा उद्योग ने जरूरत के समय औषधियों और चिकित्सा उपकरणों के एक भरोसेमंद आपूर्ति के रूप में अपनी भूमिका को दिखाया।

गौड़ा ने कहा, ‘‘भारतीय दवा उद्योग का बाजार आकार 2030 तक 130 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है। वहीं चिकित्सा उपकरण उद्योग में सालाना 28 प्रतिशत की दर से वृद्धि हासिल करने और 2025 तक 50 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाने की क्षमता है।’’

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वह ‘भारतीय दवा और चिकित्सा उपकरण 2021’ क्षेत्र पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन छठे संस्करण के बारे में जानकारी देने के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चार दिन का यह यह सम्मेलन 25 फरवरी से दो मार्च 2021 के बीच होगा।

गौड़ा ने कहा, ‘‘भारत अपने औषधि उत्पादों के साथ 200 से अधिक देशों को आपूर्ति करता है और अपनी इस जिम्मेदारी को आगे भी निभाता रहेगा। हमारा इरादा ऐसी योजनाएं तैयार करने का है जो मजबूत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कारोबार और आचार नीति पर आधारित होगा।’’

मंत्री ने कहा कि औषधि क्षेत्र भारत में विदेशी निवेश के लिये 10 प्रमुख आकर्षक क्षेत्रों में से एक है। औषधि क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह 2019-20 में 3,650 करोड़ रुपये पहुंच गया। सालाना आधार पर यह 98 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।

इस मौके पर रसायन एवं उर्वक राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक अभियान में भारत के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही कोविड-19 के दो टीके बना चुका है और 12 देशों को उसकी आपूर्ति की गयी है।

मंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम भी शुरू किया है।

मांडविया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन यह बताने का भी एक अवसर होगा कि भारत ने किस प्रकार कोविड-19 संकट को अवसर में बदला है।

भाषा रमण मनोहर

मनोहर


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