देश का निर्यात मार्च में 0.7 प्रतिशत बढ़कर 41.97 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 21.54 अरब डॉलर पर |

देश का निर्यात मार्च में 0.7 प्रतिशत बढ़कर 41.97 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 21.54 अरब डॉलर पर

देश का निर्यात मार्च में 0.7 प्रतिशत बढ़कर 41.97 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 21.54 अरब डॉलर पर

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Modified Date: April 15, 2025 / 06:55 PM IST
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Published Date: April 15, 2025 6:55 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) भारत का वस्तु निर्यात इस साल मार्च महीने में मामूली 0.7 प्रतिशत बढ़कर 41.97 अरब डॉलर रहा है। वहीं माह के दौरान व्यापार घाटा भी बढ़कर 21.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वाणिज्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष मार्च महीने में आयात 11.3 प्रतिशत बढ़कर 63.51 अरब डॉल हो गया।

पूरे वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) में देश का निर्यात नाममात्र 0.08 प्रतिशत बढ़कर 437.42 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 6.62 प्रतिशत बढ़कर 720.24 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा 282.82 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

इस साल फरवरी में व्यापार घाटा 14.05 अरब अमेरिकी डॉलर था। पिछले साल मार्च में निर्यात और आयात के बीच का अंतर 15.33 अरब अमेरिकी डॉलर था। वहीं वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह 241.14 अरब अमेरिकी डॉलर था।

देश का कुल वस्तु और सेवा निर्यात 2024-25 में 820.93 अरब डॉलर के ‘रिकॉर्ड’ स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। यह 2023-24 की तुलना में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि है। उस दौरान यह 778.13 अरब डॉलर था।

पिछले वित्त वर्ष में सेवा निर्यात 383.51 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 341.06 अरब डॉलर रहा था। 2024-25 में आयात 194.95 अरब डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 178.31 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, 2024-25 में वस्तु निर्यात का आंकड़ा अबतक का सर्वाधिक है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कुल निर्यात भी अबतक के ‘उच्चतम’ स्तर पर है।

इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक, औषधि, सभी प्रकार के कपड़ों से तैयार वस्त्र, चावल, सूती धागे/कपड़े, प्लास्टिक, कॉफी, मसाले, चाय और तंबाकू जैसे क्षेत्रों से निर्यात को गति मिली।

इंजीनियरिंग निर्यात 2024-25 में 116.67 अरब डॉलर रहा जो 2023-24 में 109.3 अरब डॉलर था। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक (38.38 अरब डॉलर), औषधि (30.47 अरब डॉलर), सिले-सिलाए परिधान (15.99 अरब डॉलर), चावल (12.47 अरब डॉलर), सूती धागा/कपड़े (12.06 अरब डॉलर), प्लास्टिक (8.92 अरब डॉलर) का स्थान रहा।

पिछले वित्त वर्ष में जिन क्षेत्रों में इससे पूर्व वित्त वर्ष के मुकाबले गिरावट आई, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (84.16 अरब डॉलर के मुकाबले 63.34 अरब डॉलर), रत्न और आभूषण (32.17 अरब डॉलर के मुकाबले 29.81 अरब डॉलर) और रसायन (29.38 अरब डॉलर के मुकाबले 28.7 अरब डॉलर) शामिल हैं।

आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में सोने का आयात बढ़कर 58.01 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 45.54 अरब डॉलर था। मात्रा के लिहाज से, आयात 2024-25 में घटकर 757.15 टन रह गया, जो 2023-24 में 795.32 टन था।

आयात के मोर्चे पर, पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर्ज करने वाले अन्य आयात क्षेत्रों में कच्चा तेल (178.73 अरब डॉलर के मुकाबले 185.78 अरब डॉलर) और इलेक्ट्रॉनिक सामान (87.86 अरब डॉलर के मुकाबले 98.73 अरब डॉलर) शामिल हैं।

हालांकि, कोयला और कोक का आयात 2024-25 में घटकर 31.09 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 38.88 अरब डॉलर था।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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