नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) भारत में पिछले साढ़े तीन साल में छह प्रमुख शहरों में हरित-प्रमाणित कार्यालय स्थल क्षेत्र 36 प्रतिशत बढ़कर 34.2 करोड़ वर्ग फुट हो गया है। सीबीआरई-सीआईआई की रिपोर्ट में यह बात कही गई।
रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बुधवार को यहां सीआईआई रियल्टी सम्मेलन में अपनी ‘इंडियन रियल एस्टेट: टेकिंग जाइंट स्ट्राइड्स – 2023 मिड-ईयर आउटलुक’ शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में हरित-प्रमाणन कार्यालय स्थल क्षेत्र 25.1 करोड़ वर्ग फुट था। वैश्विक तथा घरेलू पर्यावरण, सामाजिक व शासन (ईएसजी) नियमों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने से लोग आधुनिक, प्रीमियम तथा टिकाऊ स्थानों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं।
सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमन मैगजीन ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है और रियल एस्टेट क्षेत्र फल-फूल रहा है। ईएसजी और इसके अनुपालन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। हम आगामी तिमाही में आधुनिक, प्रौद्योगिकी-सक्षम और हरित स्थानों की त्वरित मांग की उम्मीद करते हैं।’’
रिपोर्ट के अनुसार, जून, 2023 तक कुल हरित-प्रमाणन कार्यालय स्थल में बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और मुंबई की हिस्सेदारी करीब 68 प्रतिशत थी।
भाषा निहारिका अजय
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