अंतरिम बजट में ‘लोकलुभावन’ घोषणाओं से परहेज, अगली पीढ़ी के सुधारों पर जोर |

अंतरिम बजट में ‘लोकलुभावन’ घोषणाओं से परहेज, अगली पीढ़ी के सुधारों पर जोर

अंतरिम बजट में ‘लोकलुभावन’ घोषणाओं से परहेज, अगली पीढ़ी के सुधारों पर जोर

:   Modified Date:  February 1, 2024 / 06:31 PM IST, Published Date : February 1, 2024/6:31 pm IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में लोकलुभावन योजनाओं की घोषणाओं से परहेज किया और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी। इसके अलावा उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर की दरों को भी यथावत रखा है, यानी आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।

उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है।

नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट में सीतारमण ने आयात शुल्क समेत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी। हालांकि, 2014-15 से पहले के 25,000 रुपये तक की छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया।

लगभग एक घंटे के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रखा और पर्यटन, आवास तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उपायों की घोषणा की।

सीतारमण ने मोदी सरकार के फिर से चुने जाने पर तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और उसे बनाए रखने, समावेशी विकास को आगे बढ़ाने तथा भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने को लेकर निवेश के लिए संसाधनों के सृजन में योगदान करने वाली आर्थिक नीतियों को अपनाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के वर्ष होंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के सुनहरे पल होंगे।’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सुधार, प्रदर्शन और बदलाव’ के सिद्धांत से निर्देशित सरकार अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाएगी और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यों और सभी संबद्ध पक्षों के साथ आम सहमति बनाएगी।’’

अंतरिम बजट में नई सरकार के सत्ता संभालने तक के लिए खर्च को लेकर संसद की मंजूरी ली जाती है। अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए पूर्ण बजट अप्रैल-मई के आम चुनावों में चुनी जाने वाली सरकार जुलाई में पेश करेगी।

सीतारमण ने बजट में 2024-25 में खाद्य, उर्वरक और ईंधन सब्सिडी में पिछले वर्ष की तुलना में आठ प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव किया है। साथ ही ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के लिए आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया।

आर्थिक वृद्धि की गति बनाये रखने और अधिक नौकरियां पैदा करने के मकसद से सड़क, बंदरगाह और हवाई अड्डा जैसे बुनियादी ढांचे पर खर्च 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे पर खर्च करने के लिए राज्यों को 1.3 लाख करोड़ रुपये का दीर्घकालिक ऋण भी प्रदान करेगी।

सरकार अगले पांच साल में दो करोड़ किफायती घर बनाएगी और मध्यम वर्ग के लिए आवास योजना शुरू करेगी।

बजट में पर्यटन केंद्रों का विकास करने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 1,000 मेगावाट अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के उपयोग को लेकर परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्तपोषण का भी प्रावधान किया गया है।

कृषि क्षेत्र में तिलहन के मामले में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कदम उठाये जाएंगे। साथ ही आधुनिक भंडारण और आपूर्ति श्रृंखलाओं सहित फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

डेयरी किसानों के विकास के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है और क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालन पर खर्च बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया गया है।

वित्त मंत्री ने इन सबके साथ राजकोषीय मजबूती का ध्यान रखा है। इसके तहत, 2024-25 में राजकोषीय घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित घाटा अनुमान 5.8 प्रतिशत है। यह 5.9 प्रतिशत के बजटीय अनुमान से कम है।

सीतारमण ने कर उपायों पर कुछ घोषणाएं की। इसके तहत ‘सॉवरेन वेल्थ फंड’ और पेंशन कोष का निवेश एक और वर्ष के लिए कर-मुक्त होगा।

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 26.99 लाख करोड़ रुपये है। कर-जीडीपी अनुपात 11.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023-24 में जीडीपी के 11.6 प्रतिशत पर है।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की हर चुनौती को आर्थिक प्रबंधन और बेहतर राजकाज के माध्यम से दूर किया गया जा चुका है। सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार अपने जुलाई के बजट में भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए विस्तृत रूपरेखा पेश करेगी।

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं… हमने 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है और इसपर आगे बढ़ रहे हैं।’’

बजट की महत्वपूर्ण घोषणाओं में प्रतिमाह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के लिए एक करोड़ घरों में छत पर सौर बिजली संयंत्र की स्थापना, नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी के लिए कम या शून्य ब्याज दर पर वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष शामिल है। रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को मजबूत करने की नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है।

बजट में हालांकि किसी नए कर प्रस्ताव नहीं है लेकिन स्टार्टअप इकाइयों के लिए कर छूट की अवधि एक साल बढ़ा दी गयी है। साथ ही ‘सॉवरेन वेल्थ फंड’ को कर लाभ और आईएफएससी में विमान पट्टे पर देने वाले कंपनियों के लिए कर लाभ दिया गया है।

अन्य घोषणाओं में स्वच्छ ऊर्जा को लेकर 2030 तक 100 टन की कोयला से गैस बनाने और द्रवीकरण (लिक्विफिकेशन) क्षमता की स्थापना और पाइप वाली प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और सीएनजी में कॉम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) का चरणबद्ध अनिवार्य मिश्रण शामिल है।

सीतारमण ने अर्थव्यवस्था प्रबंधन पर अपनी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को जीडीपी यानी ‘गवर्नेंस, डेवलपमेंट और परफॉर्मेंस’-(संचालन, विकास और प्रदर्शन) करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में उच्च वृद्धि हासिल करने के अलावा सरकार उसे अधिक व्यापक ‘जीडीपी’ बनाने यानी राजकाज, विकास और प्रदर्शन’ पर भी ध्यान दे रही है।

बजट के बारे में एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने कहा कि अंतरिम बजट 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा नीत सरकार के भरोसे को दर्शाता है। यह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले पेश अंतरिम बजट से अलग है।

भाषा रमण अजय

अजय

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