इरडाई ने बीमा कंपनियों से कोविड-19 दावों को शीघ्र निपटारे को कहा

इरडाई ने बीमा कंपनियों से कोविड-19 दावों को शीघ्र निपटारे को कहा

इरडाई ने बीमा कंपनियों से कोविड-19 दावों को शीघ्र निपटारे को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 pm IST
Published Date: April 23, 2021 5:25 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) कुछ अस्पतालों द्वारा पासिलीधारकों से कोविड-19 के इलाज के लिए नकद भुगताज पर जोर देने की खबरों के बीच बीमा नियामक इरडाई ने शुक्रवार को बीमा कंपनियों ने कहा कि वे कैशलेस आधार पर दावों के तेजी से निपटान को सुनिश्चित करें।

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने सभी अस्पतालों से भी अनुरोध किया है कि भर्ती या इलाज के लिए मरीजों के बीच भेदभाव न करें।

नियामक ने कहा कि कुछ नेटवर्क प्रदाताओं (अस्पतालों) द्वारा उच्च दरों पर शुल्क लेने और बीमा कंपनियों के साथ कैशलेस व्यवस्था के बावजूद कोविड़-19 संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए पॉलिसीधारकों से नकद भुगतान पर जोर देने की खबरें हैं।

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नियामक ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘प्रावधानों के अनुपालन में… स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कैशलेस दावों के मामले में बीमा कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे अस्पतालों के साथ सेवा स्तर समझौतों (एसएलए) के अनुसार कैशलेस आधार पर ऐसे दावों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करें।’’

इसमें बीमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि पॉलिसीधारक से नेटवर्क प्रदाताओं द्वारा सहमत दरों के अनुसार शुल्क लिया जाए।

इस बीच एक अलग बयान में इरडाई ने कहा कि पॉलिसीधारकों से अतिरिक्त दरों की वसूली, अग्रिम जमा राशि की मांग करना और कैशलेस उपचार से इनकार करना न केवल पॉलिसीधारकों के हितों पर चोट पहुंचाता है, बल्कि यह सेवा प्रदाता अस्पतालों और बीमा कंपनियों के बीच सेवा स्तर समझौते का भी उल्लंघन हो सकता है।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


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