आईटीएटी बार एसोसिएशन ने बजट में प्रस्तावित फेसलेस अपील प्रक्रिया पर विचार करने को कहा
आईटीएटी बार एसोसिएशन ने बजट में प्रस्तावित फेसलेस अपील प्रक्रिया पर विचार करने को कहा
मुंबई, 22 मार्च (भाषा) आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) बार एसोसिएशन ने इन अदालतों को फेसलेस करने (मामले पक्षों की असली पहचान जाहिर नहीं किए जाने) के फैसले पर सरकार से फिर से विचार करने का आग्रह किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आईटीएटी बार एसोसिएशन ने अपीलीय न्यायाधिकरण को फेसलेस करने के प्रावधान का देश भर में विरोध करने के लिए फेडरेशन ऑफ आईटीएटी बार एसोसिएशन का गठन किया है। महासंघ के समन्यवय प्रकाश जोतवानी ने कहा, ‘‘न्यायाधिकरण अदालतों की तरह हैं और उन्हें फेसलेस बनाने का मतलब है कि मौजूदा न्याय प्रणाली को खत्म करना। हम वित्त विधेयक पारित होने से पहले इस घोषणा की समीक्षा करने का आग्रह करेंगे।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि कर निर्धारण प्रक्रिया को फेसलेस बनाने के बाद, अब मुकदमों को कम करने के लिए आईटीएटी को भी फेसलेस किया जाएगा।
जोतवानी ने दावा किया कि कोई अन्य देश ऐसी प्रणाली का पालन नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि फेसलेस प्रणाली में लिखित उत्तरों को दाखिल करना होगा, और यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि क्या न्यायाधीश ने किसी तर्क को ठीक से समझा है या नहीं।
महासंघ ने वित्त मंत्री और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, दोनों को पत्र लिखकर वित्त विधेयक पारित होने से पहले फैसले की समीक्षा करने की मांग की है।
जोतवानी ने कहा कि महासंघ ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री और कानून मंत्री से मिलने के लिए वक्त भी मांगा है।
यदि वित्त विधेयक पारित हो जाता है और आईटी अपीलीय प्रक्रिया को फेसलेस बनाने का प्रावधान कानून बन जाता है, तो उस स्थिति में आईटीएटी बार एसोसिएशन की योजना देश के उच्च न्यायालयों में रिट दायर करने की है।
भाषा पाण्डेय मनोहर
मनोहर

Facebook



