जय अनमोल अंबानी की कंपनी के खाते को धोखाधड़ी घोषित करने का आदेश निरस्त
जय अनमोल अंबानी की कंपनी के खाते को धोखाधड़ी घोषित करने का आदेश निरस्त
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें उद्योगपति अनिल अंबानी के पुत्र जय अनमोल अंबानी की कंपनी के बैंक खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित किया गया था।
न्यायालय ने कहा कि अनमोल अंबानी को कोई कारण बताओ नोटिस विधिवत तामील नहीं कराया गया था, क्योंकि नोटिस उस पते पर भेजा गया था जिसे कंपनी वर्ष 2020 में ही खाली कर चुकी थी।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने अपने आदेश में कहा, “अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि धोखाधड़ी खाता घोषित करने से पहले कोई कारण बताओ नोटिस तामील नहीं कराया गया। ऐसे में.. खाते के विवादित वर्गीकरण और घोषणा को रद्द किया जाता है।”
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसका यह आदेश बैंक को नया नोटिस जारी करने और मामले में आगे की कार्रवाई करने से नहीं रोकेगा।
अदालत ने कहा कि बैंक को नए नोटिस के साथ सभी प्रासंगिक दस्तावेज अनमोल अंबानी को उपलब्ध कराने होंगे ताकि वह अपना जवाब दाखिल कर सकें। बैंक उसके बाद नया आदेश पारित कर सकता है।
उच्च न्यायालय जय अनमोल अंबानी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि यूनियन बैंक ने अक्टूबर में उनके खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने का फैसला नोटिस और सुनवाई के बगैर लिया था, जो न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को लगभग 228 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के कथित मामले में जय अनमोल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने यह कार्रवाई बैंक (उस समय आंध्रा बैंक) की शिकायत पर की है, जिसमें आरएचएफएल और उसके तत्कालीन निदेशकों जय अनमोल अंबानी एवं रवींद्र शरद सुधाकर को आरोपी बनाया गया है।
शिकायत के अनुसार, कंपनी ने बैंक की मुंबई स्थित एससीएफ शाखा से कारोबारी जरूरतों के लिए 450 करोड़ रुपये तक की ऋण सीमा ली थी। किस्तों का भुगतान नहीं होने के कारण 30 सितंबर, 2019 को इस खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण

Facebook



