जनऔषधि केंद्रों की संख्या मार्च 2024 तक 10,000 करने का लक्ष्य

जनऔषधि केंद्रों की संख्या मार्च 2024 तक 10,000 करने का लक्ष्य

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  • Publish Date - June 14, 2021 / 06:30 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

दिल्ली, 14 जून (भाषा) केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के प्रागपुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन किया।

उन्होंने इस अवसर पर बताया कि सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। 11 जून, 2021 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है।

मंडाविया ने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया है। इन केंद्रों से स्थानीय लोगों को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी जैसी विशेष स्थिति में जन औषधि केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए देश भर में 7,836 जन औषधि केंद्र दिन-रात काम कर रहे हैं।

श्री मंडाविया ने बताया कि कई जन औषधि केंद्रों ने सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बेचने के अलावा, लॉकडाउन अवधि के दौरान जरूरतमंद लोगों को राशन किट, पका हुआ भोजन, मुफ्त दवाएं आदि वितरित करने का काम किया है।

मंडाविया ने कहा कि इसी तरह, पूरे हिमाचल प्रदेश में कुल 66 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

भाषा मनोहर प्रणव

मनोहर