केआरबीएल विविधता लाने के लिए अगले साल तक चावल भूसी तेल पर ध्यान देगी

केआरबीएल विविधता लाने के लिए अगले साल तक चावल भूसी तेल पर ध्यान देगी

केआरबीएल विविधता लाने के लिए अगले साल तक चावल भूसी तेल पर ध्यान देगी
Modified Date: February 26, 2024 / 06:27 pm IST
Published Date: February 26, 2024 6:27 pm IST

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) इंडिया गेट ब्रांड के तहत बासमती और गैर-बासमती चावल का विपणन करने वाली केआरबीएल लिमिटेड अगले साल तक चावल भूसी का तेल पेश करके खाद्य तेल कारोबार में विविधता लाने की योजना बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि कंपनी अपने प्रीमियम गैर-बासमती चावल खंड का विस्तार करने पर भी नजर रख रही है और अगले डेढ़ साल में कर्नाटक और मध्य प्रदेश में दो प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

केआरबीएल लिमिटेड के घरेलू कारोबार प्रमुख आयुष गुप्ता पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा, ‘‘हम अन्य उत्पादों में विविधता ला रहे हैं। अब हम अगले वित्त वर्ष में स्वस्थ खाद्य तेलों विशेषकर चावल भूसी तेल कारोबार में उतर रहे हैं।’’

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उन्होंने कहा कि केआरबीएल उस समय तक रिफाइनिंग को आउटसोर्स करेगी जब तक कि कंपनी एक निश्चित मात्रा के मामले में खुद को बाजार में स्थापित नहीं कर लेती।

उन्होंने कहा कि चावल भूसी तेल एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तेल है और इस बाजार पर वर्तमान में दो प्रमुख ब्रांड सफोला और फॉर्च्यून का नियंत्रण है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘यह एक चुनौती है जिसे हम ले रहे हैं। बोर्ड ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है… हम अब भी रिफाइनर का मूल्यांकन और खोज कर रहे हैं। उत्तर भारत में विकल्प उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, एपी ऑर्गेनिक्स भारत के सबसे बड़े रिफाइनर में से एक है।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी तीन साल में 20,000 टन चावल भूसी तेल की बिक्री और 200 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रख रही है।

पंजाब में धुरी चावल प्रसंस्करण संयंत्र में, कंपनी पहले से ही प्रतिदिन लगभग 40 टन कच्चे चावल भूसी तेल का उत्पादन कर रही है।

गैर-बासमती चावल खंड के विस्तार पर गुप्ता ने कहा कि कंपनी अगले डेढ़ साल में लगभग 200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ कर्नाटक (गंगावती) और मध्य प्रदेश (भोपाल के पास) में दो और गैर-बासमती चावल प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, दोनों स्थानों पर भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है। प्रत्येक संयंत्र में निवेश 75 से 100 करोड़ रुपये के बीच होगा।’’

कंपनी ने वर्ष 2022-23 के दौरान गुजरात के कांडला में एक प्रसंस्करण संयंत्र के साथ गैर-बासमती चावल खंड में प्रवेश किया था।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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