अगले वित्त वर्ष में छह अरब डॉलर को पार कर जाएगा चमड़ा, फुटवियर निर्यात : सीएलई

अगले वित्त वर्ष में छह अरब डॉलर को पार कर जाएगा चमड़ा, फुटवियर निर्यात : सीएलई

अगले वित्त वर्ष में छह अरब डॉलर को पार कर जाएगा चमड़ा, फुटवियर निर्यात : सीएलई
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: February 20, 2022 2:10 pm IST

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) देश के चमड़ा एवं फुटवियर (जूते-चप्पल) निर्यात के वर्ष 2022-23 में छह अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर जाने की संभावना है। अमेरिका और पश्चिम एशिया एवं अफ्रीकी देशों में मांग बढ़ने से इसमें तेजी आने की उम्मीद है।

चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन संजय लीखा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पश्चिम एशिया के बाजार में भारतीय चमड़ा उत्पादों की पहुंच बढ़ने में मदद मिलेगी। इससे भारत का चमड़ा एवं फुटवियर निर्यात बेहतर होगा।

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों यानी अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश से चमड़ा एवं फुटवियर निर्यात 33 प्रतिशत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 में निर्यात 3.3 अरब डॉलर रहा था जबकि 2019-20 में भारत ने 4.7 अरब डॉलर का निर्यात किया था।

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लीखा ने कहा, ‘‘हमें अमेरिका और वहां के बड़े ब्रांडों से बढ़िया प्रतिक्रिया मिल रही है। हमें लातिनी अमेरिका, पश्चिम एशिया और यूरोप में भी अच्छी वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है। इस परिदृश्य में हमें विश्वास है कि वर्ष 2022-23 में निर्यात का आंकड़ा छह अरब डॉलर को पार कर जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि ऑर्डर बुक की स्थिति अच्छी है और चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से उबरने को लेकर काफी आशान्वित है।

सीएलई के प्रमुख ने कहा कि इस उद्योग का कुल कारोबार अगले पांच साल में 30 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इसमें घरेलू कारोबार 20 अरब डॉलर का होगा जबकि 10 अरब डॉलर का निर्यात कारोबार होगा। इससे करीब 15 लाख नए रोजगार भी पैदा होंगे।

उन्होंने कहा कि निर्यात मांग बढ़ने से इस क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। पहले से ही इस उद्योग में करीब 45 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

सरकार की तरफ से विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दायरे में चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग को भी लाने की मांग की जा रही है।

भाषा

प्रेम अजय

अजय


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