पुरानी समस्याओं को पीछे छोड़कर, पीएनबी वृद्धि का नया रास्ता तैयार कर रहा: एमडी चंद्रा

पुरानी समस्याओं को पीछे छोड़कर, पीएनबी वृद्धि का नया रास्ता तैयार कर रहा: एमडी चंद्रा

पुरानी समस्याओं को पीछे छोड़कर, पीएनबी वृद्धि का नया रास्ता तैयार कर रहा: एमडी चंद्रा
Modified Date: May 11, 2025 / 04:43 pm IST
Published Date: May 11, 2025 4:43 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक अशोक चंद्रा ने कहा कि पुरानी समस्याओं को पीछे छोड़ते हुए बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) और उसके बाद के वर्षों में प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिए परिचालन लाभ पर विशेष ध्यान देते हुए वृद्धि के नए रास्ते पर कदम रखा है।

फंसे कर्ज (एनपीए) में कमी, कम लागत वाली जमा राशि जुटाना, शुल्क आय वृद्धि के लिए अवसरों में वृद्धि और खराब कर्ज से वसूली बैंक के अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं, जो शुद्ध लाभ सहित विभिन्न मापदंडों में अच्छा सुधार दिखा रहे हैं।

पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के लिए, पीएनबी 102 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के बीच लाभ वृद्धि के मामले में शीर्ष बैंक के रूप में उभरा है। इस दौरान बैंक का शुद्ध लाभ दोगुना होकर 16,630 करोड़ रुपये हो गया, जो 2023-24 में 8,245 करोड़ रुपये था।

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बैंक का कुल कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26.83 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो बैंकिंग प्रणाली में सबसे अधिक है।

उन्होंने बताया कि बैंक में कई पुरानी समस्याएं थीं, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे अधिक सकल और शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) शामिल हैं। चंद्रा ने कहा कि इनमें उल्लेखनीय कमी लाई गई है, तथा सकल एनपीए चार प्रतिशत से नीचे आ गया है और शुद्ध एनपीए 0.5 प्रतिशत पर आ गया है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया कि बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इन्हें और आगे बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा कि आरएएम (खुदरा, कृषि और एमएसएमई) क्षेत्र तथा चालू खाता और बचत खाता (कासा) पर ध्यान केंद्रित करने से बैंक के परिचालन लाभ में सुधार देखने को मिलेगा।

इसी साल जनवरी में पीएनबी में एमडी का कार्यभार संभालने वाले चंद्रा ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारा बैंक, जो घरेलू कारोबार के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बैंक है, परिचालन लाभ और शुद्ध लाभ के मामले में भी वह स्थान हासिल करे।”

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय


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