Mobile Phone Rule: अब मोबाइल में छोटी सी छेड़छाड़ करना पड़ेगा भारी! हो सकती है 3 साल की सजा और लगता सकता है 50 लाख का जुर्माना…
दूरसंचार विभाग ने चेतावनी दी है कि मोबाइल के आईएमईआई नंबर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ गैरकानूनी है। यह अपराध माना जाएगा और इसके लिए 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
(Mobile Phone Rule, Image Credit: Pixabay)
- मोबाइल आईएमईआई में छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध है।
- सजा: 3 साल तक जेल + 50 लाख रुपये जुर्माना।
- विनिर्माता और विक्रेता कानून का पालन करें।
नई दिल्ली: Mobile Phone Rule: दूरसंचार विभाग ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध मानी जाएगी। ऐसा करने पर 3 साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है। विभाग ने आम उपयोगकर्ताओं को अपने उपकरणों का कानूनी तरीके से इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
क्यों महत्वपूर्ण है आईएमईआई?
आईएमईआई (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान) नंबर मोबाइल की पहचान का आधार है। यह न केवल चोरी या नकली उपकरणों की पहचान में मदद करता है, बल्कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपराधियों पर नजर रखने में भी सहायक है। अगर इस नंबर से छेड़छाड़ की जाती है, तो कानून के तहत इसे गंभीर अपराध माना जाता है।
कानून और सजा का प्रावधान
दूरसंचार अधिनियम 2023 और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत किसी भी मोबाइल या रेडियो उपकरण में जानबूझकर आईएमईआई नंबर बदलना, हटाना या छेड़छाड़ करना गैर-जमानती अपराध है। इसके लिए तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है। इस नियम का उद्देश्य दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा और नकली उपकरणों की रोकथाम है।
विभाग ने विनिर्माताओं और विक्रेताओं से क्या कहा?
दूरसंचार विभाग ने सभी विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों और विक्रेताओं से कहा है कि वे इस कानून का पूरी तरह पालन करें। छेड़छाड़ वाले या कॉन्फिगर करने योग्य आईएमईआई वाले उपकरणों का उत्पादन, बिक्री या आयात करना गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है।
आईएमईआई और रेडियो उपकरण पर कानून
दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत, अगर कोई व्यक्ति मोबाइल, मॉडेम, सिम बॉक्स या मॉड्यूल में अनाधिकृत या छेड़छाड़ किए गए आईएमईआई का उपयोग करता है या ऐसे उपकरण रखता है, तो यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है। धारा 42(6) और 42(7) के अनुसार, ऐसे अपराध करने या बढ़ावा देने पर समान कड़ी सजा लागू होती है।
नियमों के पालन के लिए निर्देश
आयातकों और विक्रेताओं को अनिवार्य किया गया है कि वे आईएमईआई युक्त सभी उपकरणों को भारत में बिक्री, परीक्षण या अनुसंधान के लिए लाने से पहले डिवाइस सेतु पोर्टल पर पंजीकृत करें। इससे नकली उपकरणों की पहचान आसान होगी और कानून प्रवर्तन में मदद मिलेगी।
उद्देश्य और सुरक्षा
दूरसंचार विभाग का कहना है कि ये सख्त नियम साइबर सुरक्षा बनाए रखने, फर्जी उपकरणों को रोकने और कर संग्रह सुनिश्चित करने के लिए हैं। इन नियमों का पालन भारत के दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित बनाता है और कानून के सही कार्यान्वयन में मदद करता है।
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