नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को कहा कि 2025 में मानसून के सामान्य से थोड़ा बेहतर रहने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान से कृषि क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
इससे मौद्रिक स्थिति में सहजता के साथ ही भारत को जवाबी शुल्कों के प्रतिकूल प्रभाव का सामना करने में मदद मिलेगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का पूर्वानुमान है कि पूरे देश में मानसून की बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 105 प्रतिशत रहेगी। इसमें पांच प्रतिशत के घट-बढ़ की गुंजाइश है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि आईएमडी का पूर्वानुमान न केवल किसानों के लिए बल्कि सामान्य रूप से अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छी खबर है। ऐसे में भारत एक और साल लगभग चार प्रतिशत की कृषि वृद्धि दर्ज कर सकता है।
रेटिंग एजेंसी के मुख्य अर्थशास्त्री और सार्वजनिक वित्त के प्रमुख देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, ”यह अर्थव्यवस्था में उपभोग वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है। हमारे पास पहले ही दो अच्छी फसलें हैं – खरीफ 2024 और रबी 2024, और वित्त वर्ष 2025-26 में दो और अच्छी फसलों की उम्मीद के साथ ही मुद्रास्फीति नियंत्रण और मौद्रिक सहजता हासिल करने में मदद मिलेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था जवाबी शुल्क के प्रतिकूल प्रभावों को झेलने में सक्षम होगी।”
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि सिंचाई में वृद्धि, कृषि मूल्य संवर्धन में गैर-फसल का अधिक हिस्सा और रबी सीजन में उच्च खाद्यान्न उत्पादन ने मानसून की अनिश्चितताओं के प्रति कृषि क्षेत्र के जोखिम को कम किया है।
मानसून के महीनों में बारिश की स्थिति और भौगोलिक प्रसार पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा।
भाषा पाण्डेय रमण
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