नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) घरेलू सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों को अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा और मूल्यवर्धन पर ध्यान देना होगा। एमएसएमई राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने सोमवार को यह बात कही।
उद्योग मंडल एसोचैम के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय बाजार में आगे बढ़ने के लिए तीन महत्वपूर्ण कारकों…पूंजी की लागत, बिजली की लागत और लॉजिस्टिक लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
एसोचैम ने सारंगी के हवाले से बयान में कहा, ‘‘हम निर्यात कारोबार को मजबूत करने की नीति पर काम कर रहे हैं। सरकार ऐसे उत्पादों के देश में उत्पादन पर भी ध्यान दे रही है जिनका अभी आयात किया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इन उपक्रमों को वैश्विक बनाने और कुल कारोबारी वातावरण में सुधार के लिए कदम उठा रहा है।
भाषा अजय अजय मनोहर
मनोहर
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