चाहकर भी छोटे भाई अनिल की मदद नहीं कर पाएंगे मुकेश अंबानी, जानिए क्या है मामला
चाहकर भी छोटे भाई अनिल की मदद नहीं कर पाएंगे मुकेश अंबानी, जानिए क्या है मामला
नई दिल्ली। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने दिवालिया(बैंकरप्सी) घोषित करने की तैयारी शुरु कर दी है। इस फैसले के बाद अब आरकॉम अपने वायरलेस एसेट्स जियो इन्फोकॉम को नहीं बेच पाएगी। यह डील 18,000 करोड़ की थी। यदि यह डील हो जाती तो आरकॉम अपने कर्जे के बड़े हिस्से से मुक्ति पा सकती थी। इसका मतलब यह हुआ है चाहकर भी मुकेश अंबानी अपने छोटे भाई अनिल की मदद नहीं कर सकेंगे।
इससे पहले कर्जे से मुक्ति पाने के लिए आरकॉम ने एयरसेल के साथ मर्जर की भी कोशिश की थी लेकिन यह कोशिश भी सफल नहीं हो पाई थी। इसके बाद कंपनी ने अपना वह बिजनेस भी बंद कर दिया था, जिसमें डायरेक्ट कस्टमर से डील होती थी। कंपनी इसके बाद बी टू बी बिजनेस में बनी रही।
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आरकॉम ने दिसंबर 2017 में अपना स्पैक्ट्रम, टॉवर, ऑप्टिकल फाइबर और स्विचिंग नोड्स बेचने के लिए डील की थी। ऐसा उसने अपना कर्ज कम करने के लिए था। लेकिन अब एनसीएलटी के आदेश के बाद उस डील पर पर भी संशय के बादल छा गए हैं।
एक समय में आरकॉम देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होती थी लेकिन आज यह कर्ज में डूबी हुई है। कंपनी पर करीब 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। जियो कंपनी के बाजार में उतरने के बाद आरकॉम मार्केट में टिक नहीं सकी।
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एनसीएलटी ने यह कदम स्वीडिश कंपनी एरिक्सन की 3 याचिकाओं के बाद उठाया है। एरिक्सन का आरकॉम पर लगभग 1,150 करोड़ रुपए बकाया है, जिसकी वसूली के लिए उसने ये याचिकाएं दायर की थी। जानकारों के मुताबिक आरकॉम चाहे तो एनसीएलटी के इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकती है।
वेब डेस्क, IBC24

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