प्याज निर्यात पर पाबंदी को लेकर राकांपा, कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला

प्याज निर्यात पर पाबंदी को लेकर राकांपा, कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला

प्याज निर्यात पर पाबंदी को लेकर राकांपा, कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: September 16, 2020 11:02 am IST

मुंबई, 16 सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता और महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्याज निर्यात पर पाबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर बुधवार को हमला बोला और उसे ‘किसान विरोधी’ सरकार करार दिया।

पवार ने केंद्र के इस निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पहले से कोविड-19 की मार झेल रहे किसानों को इस निर्णय से केंद्र सरकार और रसातल में भेज रही है। किसानों पर दबाव डालकर वह ‘महापाप’ कर रही है।

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प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध के चलते प्याज के दाम गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी इस ‘अन्याय’ से किसानों को बाहर निकालने के लिए लड़ाई लड़ेगी।

घरेलू बाजार में प्याज के दाम कम करने और उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को हर किस्म के प्याज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।

पवार ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र सरकार ने ऐसे समय पर प्याज के निर्यात पर रोक लगायी है जब उन्हें अच्छी कीमत मिल रही थी। यह पूरी तरह गलत है। यह बात साफ है कि केंद्र सरकार किसान विरोधी रवैया अपना रही है।’’

राकांपा के मुख्यालय पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के मंगलवार को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सामने इस निर्णय पर चिंता जताने और इसे वापस लेने का भी जिक्र किया।

अजीत पवार ने कहा, ‘‘ प्याज उत्पादक पहले से कोविड-19 की मार झेल रहे हैं। और अब केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर पाबंदी लगाकर उन पर और दबाव बनाने का महापाप किया है।’’

थोराट ने भी केंद्र के इस निर्णय की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्याज के दाम 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में किसान बाढ़ और चक्रवात के चलते भारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार उनकी जितनी मदद कर सकती है, कर रही है। लेकिन केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही।’’

थोराट ने कहा कि इससे पहले भी केंद्र सरकार ने दूध के पाउडर के आयात की अनुमति दे दी थी जबकि देश में पहले से लाखों टन दूध का पाउडर था। इससे दूध की कीमतें नीचे आ गयीं। और अब जब किसानों को प्याज के निर्यात से थोड़ा धन कमाने की उम्मीद थी तब केंद्र सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी।

भाषा

शरद महाबीर

महाबीर


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