Raipur Police Commissionerate System: रायपुर में अब बढ़ेगा पुलिस का ‘पावर’, इस दिन से SSP की जगह कमिश्नर संभालेंगे मोर्चा, गुंडे-बदमाशों की आएगी शामत

Police Commissionerate Raipur: रायपुर में अब बढ़ेगा पुलिस का 'पावर', इस दिन से SSP की जगह कमिश्नर संभालेंगे मोर्चा, Raipur Police Commissionerate System: Now power of police will increase in capital

Raipur Police Commissionerate System: रायपुर में अब बढ़ेगा पुलिस का ‘पावर’, इस दिन से SSP की जगह कमिश्नर संभालेंगे मोर्चा, गुंडे-बदमाशों की आएगी शामत
Modified Date: December 31, 2025 / 04:16 pm IST
Published Date: December 31, 2025 4:05 pm IST
HIGHLIGHTS
  • Raipur में Police Commissionerate प्रणाली लागू करने का फैसला
  • जानिए कब होगी लागू

रायपुरः Raipur Police Commissionerate System छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर महानगरीय पुलिस जिले में नए साल पर 23 जनवरी से पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो जाएगी। बुधवार को नवा रायपुर स्थित महानदी भवन यानी मंत्रालय में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बैठक की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। रायपुर में अब तक पुलिस कप्तान एसएसपी को माना जाता था लेकिन नए निर्णय के बाद अब पुलिस आयुक्त जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी होंगे। कानून व्यवस्था सँभालने के लिए पुलिस आयुक्त के पास मजिस्ट्रियल पॉवर भी होगा।

बता दें कि राजधानी रायपुर में पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से साय सरकार ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला लिया था। सीएम साय ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में इसका ऐलान किया था। पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने के लिए अक्टूबर महीने में एक प्रारूप तैयार किया गया था। यह प्रारूप उच्च स्तरीय समिति द्वारा तैयार किया गया था और इसे राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अरुण देव गौतम को सौंपा गया था। समिति ने भुवनेश्वर कमिश्नरी मॉडल को बेहतर मानते हुए लगभग 60 प्रतिशत नियमों को रायपुर में लागू करने का निर्णय लिया था। इसके अलावा, शेष 40 प्रतिशत कमिश्नरी प्रणाली के नियम अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, ओडिशा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में लागू मॉडल से लिए जाने का फैसला हुआ था।

 ⁠

Raipur Police Commissionerate System: अब कमिश्नर का होगा पुलिस का सर्वेसर्वा

Raipur Police Commissionerate System भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी (D.M.) के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अतिरिक्त, दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) को कानून और व्यवस्था को विनियमित करने के लिए कुछ शक्तियाँ प्रदान करता है। साधारण शब्दों में कहा जाये तो पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नही हैं, वे आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम या मंडल कमिश्नर या फिर शासन के आदेश तहत ही कार्य करते हैं परन्तु पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाने से जिला अधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के ये अधिकार पुलिस अधिकारिओं को मिल जाते हैं।

कैबिनेट बैठक में हुए ये भी फैसले (Sai Cabinet ke Faisle)

  • कोदो, कुटकी-रागी की खरीद, प्रसंस्करण और बिक्री के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई।
  • अराष्ट्रीयकृत लघु वनोपज के क्रय, भंडारण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन के लिए लघु वनोपज संघ को एकमुश्त 30 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण देने का निर्णय लिया गया।
  • अंत्यावसायी सहकारी वित्त और विकास निगम के ऋणों की अदायगी के लिए 55.69 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान को मंजूरी दी गई। इससे वार्षिक 2.40 करोड़ रुपए के ब्याज भार और 229.91 करोड़ रुपए की गारंटी देनदारी समाप्त होगी।
  • उसना मिलिंग पर प्रोत्साहन राशि 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रति क्विंटल की और पात्रता के लिए न्यूनतम मिलिंग अवधि 3 माह से घटाकर 2 माह की।
  • औद्योगिक विकास नीति 2024–30 में संशोधन का निर्णय लिया, जिससे निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स की बैंक गारंटी पर स्टाम्प शुल्क 0.25 प्रतिशत से घटाकर 0.05 प्रतिशत करने का निर्णय लिया।
  • पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी का एक नया पद (लेवल-14) एक साल के लिए सृजित करने की स्वीकृति दी।

यह भी पढ़ें


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।