मजबूत डेटा गोपनीयता, साझा जानकारी के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने की आवश्यकता:राजस्व सचिव

मजबूत डेटा गोपनीयता, साझा जानकारी के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने की आवश्यकता:राजस्व सचिव

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  • Publish Date - December 2, 2025 / 12:41 PM IST,
    Updated On - December 2, 2025 / 12:41 PM IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि देशों को मजबूत डेटा गोपनीयता प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत साझा की गई जानकारी का प्रभावी ढंग से उपयोग भी सुनिश्चित करना होगा।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर न्यायालयों को डिजिटल अर्थव्यवस्था कराधान और ‘क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क’ सहित नई चुनौतियों के अनुकूल बनाना होगा। इसके लिए प्रौद्योगिकी नवाचार एवं समन्वित कार्रवाई दोनों की आवश्यकता होगी।

सचिव ने यहां 18वीं ‘ग्लोबल फोरम प्लेनरी’ बैठक में कहा, ‘‘ भविष्य की ओर देखते हुए… हमें लाभकारी स्वामित्व पारदर्शिता को और गहरा करना जारी रखना होगा। मजबूत डेटा गोपनीयता प्रणाली के साथ साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत साझा की गई जानकारी का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाए।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में वैश्विक मंच ने वैश्विक कर परिदृश्य में बैंकिंग गोपनीयता एवं सीमित सहयोग से लेकर पारदर्शिता तथा सूचना आदान-प्रदान तक बदलाव लाने में मदद की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक मंच का काम निरंतर बढ़ रहा है और भारत इसके अगले चरण में रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है जहां पारदर्शिता से न केवल प्रवर्तन को बल्कि बेहतर अनुपालन, निवेशक विश्वास एवं सतत विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।’’

भारत के संदर्भ में राजस्व सचिव ने कहा कि देश 2017 से सूचना मानकों के स्वचालित आदान-प्रदान को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है जिससे जोखिमों का पता लगाने की उसकी क्षमता बढ़ी है। साथ ही स्वैच्छिक प्रकटीकरण को प्रोत्साहन मिला है और अनुपालन में सुधार हुआ है।

श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा सुरक्षित आईटी प्रणालियों, डेटा विश्लेषण एवं समन्वित प्रवर्तन तंत्रों में निवेश ने अंतरराष्ट्रीय ढांचे के तहत साझा की गई जानकारी का जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित किया है।

कर उद्देश्यों के लिए पारदर्शिता एवं सूचना के आदान-प्रदान पर वैश्विक मंच एक बहुपक्षीय ढांचा है जिसमें 170 क्षेत्र शामिल हैं। यह पारदर्शिता एवं सूचना के आदान-प्रदान पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के कार्यान्वयन की निगरानी एवं समीक्षा करता है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

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