नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के प्रधान महानिदेशक एम के सिंह ने बुधवार को कहा कि देशों के बीच सूचना के आदान-प्रदान से बनने वाला ‘नेटवर्क’ तस्करी एवं गैरकानूनी कारोबार के ‘अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क’ से लड़ने का एकमात्र स्थायी उपाय है।
प्रवर्तन मामलों में सहयोग पर आयोजित डीआरआई के तीन दिन के वैश्विक सम्मेलन के अंत में 40 से अधिक देशों के अधिकारियों ने सीमापार अपराधों के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि प्रतिभागियों ने कार्रवाई-योग्य खुफिया जानकारी को समय पर साझा करने की अहमियत पर आम सहमति जताई। इसमें सीमा-शुल्क प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच एक मजबूत नेटवर्क बनाने पर जोर दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि सम्मेलन में इन अपराधों के खिलाफ प्रवर्तन की दिशा में अधिक सहयोग के लिए संबंधित स्थानीय कानूनों के अधीन मौजूदा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यवस्था का फायदा उठाने की जरूरत पर बल दिया गया।
इस दौरान डीआरआई के प्रधान महानिदेशक ने कहा, ‘‘सूचना के आदान-प्रदान और जांच में सहयोग से ‘नेटवर्क’ प्रवर्तन कार्यों को मजबूत करेगा और ‘अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क’ से लड़ने के लिए यह एकमात्र स्थायी उपाय है।’’
सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय और संगठित अपराधों के खिलाफ जंग में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पाने के लिए मौजूदा व्यवस्था का इस्तेमाल करने का आग्रह किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया था। उन्होंने अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने, तस्करी गिरोहों के मास्टरमाइंड को पकड़ने और तस्करी नेटवर्क को तोड़ने की जरूरत बताई थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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