अब 12वीं पास भी शुरू कर सकेंगे मेडिकल व्यवसाय, नहीं होगी बीफार्मा की डिग्री की जरूरत, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
अब 12वीं पास भी शुरू कर सकेंगे मेडिकल व्यवसाय! Now 12th Pass Youth Can Start Medical Business Health Ministry Changes Rules
नई दिल्ली: Medical Business कोरोना संक्रमण के दौर ने दवाओं और मेडिकल स्टोर्स की असली अहमियत लोगों को समझा दी है। इस दौर में देखा गया कि कैसे लोग दवाओं के लिए मेडिकल स्टोर्स और अस्पताल के चक्कर लगाते थे। वहीं, दूसरी ओर कोरोना काल के बाद मेडिकल व्यवसाय में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो ये व्यवसाय तो करना चाहते हैं लेकिन उनकी पढ़ाई आड़े आ रही है। तो आपको बता दें कि 12वीं पास युवा भी मेडिकल व्यवसाय कर सकता है।
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Medical Business दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कॉस्मेटिक्स एंड ड्रग्स ऐक्ट के मेडिकल डिवाइस के नियमों में बदलाव किया है। इन नियम के तहत अब कोई भी व्यक्ति, जो 12वीं पास है वह मेडिकल के व्यवसाय के क्षेत्र में डिवाइसों की खरीद और ब्रिक्री कर सकता है। इससे पहले उन्हें फॉमसिस्ट की ड्रिग्री लेनी होती थी। लेकिन अब उन्हें इसकी जरुरत नहीं होगी और साथ ही अब इसके लिए लाइसेंस बनवाने की भी जरुरत नहीं होगी। बिना लाइसेंस के भी वे ये व्यवसाय कर सकते हैं। मेडिकल डिवाइसों की बिक्री के लिए केवल पंजीकरण कराना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नियमों में बदलाव को लेकर कहा गया है कि केवल 12वीं पास करके कोई भी इस व्यवसाय में कदम दख सकता है। लेकिन यह व्यवसाय करने के लिए उसके पास एक साल का अनुभव होना चाहिए। चिकित्सा उपकरण 2017 के नियम में संशोधन के साथ खरीद और बिक्री के लिए बिना लाइसेंस की अनुमति दे दी है।
कोविड -19 महामारी के दौरान चिकित्सा उपकरण व्यापार में विनियमन का अभाव दिखाई देने से इलाज में समस्या आई थी। जिस कारण से बाजार में कई ड्यूबिलिकेट चीजों को बेचा गया था। साथ ही छोटी से छोटी चीजों की अधिक दाम भी वसूले गए थे। प्रिवेंटिव वियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PWMAI) के अध्यक्ष, संजीव रिलहान ने कहा कि इस नियम में बदलाव के साथ मेडिकल का व्यापार आसानी से किया जा सकेगा और बाजार में इन चीजों की कमी महसूस नहीं होगी।
अगर आप यह व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपको अपने राज्य के रेगुलेटर के पास पंजीकरण कराना होगा। इस पंजीकरण के बाद आप डॉग्नोस्टिक्स, ऑक्सीमीटर, इंफ्रा-रेड थर्मामीटर और पीपीई जैसी चीजों को सेल कर सकेगे। बता दें कि भारत दुनिया भर में चिकित्सा उपकरणों के लिए शीर्ष 20 बाजारों में शामिल है। आईबीईएफ का अनुमान है कि बाजार के 2025 में 37% सीएजीआर से बढ़कर 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2020 में 75,611 करोड़ डॉलर (10.36 अरब डॉलर) था।
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