स्वतंत्र निदेशकों की संख्या घट रही है, सार्वजनिक उपक्रम मुख्यतौर पर जिम्मेदार: रिपोर्ट

स्वतंत्र निदेशकों की संख्या घट रही है, सार्वजनिक उपक्रम मुख्यतौर पर जिम्मेदार: रिपोर्ट

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  • Publish Date - May 14, 2021 / 01:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या वर्ष 2018 और 2019 के मुकाबले 2020 में कम हुई । यह कमी मुख्यतौपर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति नहीं किये जाने के कारण आई है। एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।

इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सविर्सिज लिमिटेड (आईआईएएस) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में जहां कंपनियों के निदेशक मंडल में 2,494 स्वतंत्र निदेशक थे, वहीं 2019 में इनकी संख्या कम होकर 2,396 रह गई और 2020 में और कम होकर 2,249 रह गई। यह रिपोर्ट निफ्टी में शामिल 500 कंपनियों के निदेशक मंडलों में 31 दिसंबर 2020 को हुई स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के आधार पर की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक स्वतंत्र निदेशकों की संख्या में आई इस कमी के लिये मुख्यतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में ऐसे निदेशकों की संख्या में आई कमी होना है। इसकी दूसरी वजह यह हो सकती है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी- 500 में शामिल कंपनियों की समय समय पर अदला बदली होती रहती है।

निफ्टी- 500 में 2020 में जो कंपनियां बाहर निकलीं हैं उनकी यदि 2019 से तुलना की जाये तो उनमें 208 स्वतंत्र निदेशक शामिल थे जबकि बाहर निकलने वाली कंपनियों के स्थान पर आने वाली कंपनियों में 188 ही स्वतंत्र निदेशक थे। इसी प्रकार यदि 2018 से तुलना की जाये तो 2020 में जो कंपनियां इनमें से बाहर निकली उनमें 395 स्वतंत्र निदेशक थे जबकि उनके स्थान पर निफ्टी-500 में शामिल होने वाली कंपनियों में 331 स्वतंत्र निदेशक ही रह गये थे।

निफ्टी- 500 में 2019 और 2020 में सार्वजनिक क्षेत्र की 72 कंपनियां शामिल रही हैं। इन कंपनियों में 141 स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति होनी है। सेबी की सूचीबद्धता दिशानिर्देशों के मुताबिक इनमें 141 स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की जानी है।

31 दिसंबर 2020 की स्थिति के अनुसार 14 प्रतिशत यानी 70 कंपनियों में निदेशक मंडल के गठन में सेबी नियमों का पूरी तरह पालन नहीं हुआ है। इन 70 कंपनियों में से 55 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निदेशक मंडल की स्वतंत्रता लंबे समय से अड़चनों के घेरे में रही है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर