नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) देश के सात प्रमुख शहरों में कार्यालय स्थल को पट्टे पर पर लेने में अप्रैल-जून के दौरान 26 फीसदी गिरावट आई और यह आंकड़ा 85 लाख वर्गफुट रहा। रियल एस्टेट परामर्शदाता कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह कहा।
इस वर्ष जनवरी-मार्च में कुल 115.5 लाख वर्गफुट क्षेत्र को पट्टे पर लिया गया था।
हालांकि पिछले वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के 29.8 लाख वर्गफुट के मुकाबले यह आंकड़ा करीब तीन गुना है। 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण कार्यालय की मांग में खासी गिरावट आई थी।
जेएलएल ने कहा, ‘‘समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कार्यालय स्थल पर निर्माण पूरा होने में देरी हुई, जो पट्टे में कमी की वजह हो सकता है।’’
कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून 2022 में बेंगलुरु में 41.2 लाख वर्गफुट कार्यालय स्थल को पट्टे पर लिया गया जो पिछले तिमाही के 16.7 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल की तुलना में कहीं अधिक है। पिछले वर्ष अप्रैल-जून के दौरान यहां 17.8 लाख वर्गफुट स्थल पट्टे पर लिए गए थे।
चेन्नई में 5.3 लाख वर्गफुट कार्यालय स्थल पट्टे पर लिए गए जो जनवरी-मार्च तिमाही के 12.1 लाख वर्ग फुट से कम है। एक साल पहले समान अवधि में 1.1 लाख वर्गफुट स्थल किराये पर लिया गया था।
दिल्ली-एनसीआर में अप्रैल-जून के दौरान 13.2 लाख वर्गफुट स्थल किराये पर लिया गया, जबकि इससे पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 13.4 लाख वर्गफुट था।
हैदराबाद में अप्रैल-जून तिमाही में 7.5 लाख वर्गफुट स्थल किराये पर लिया गया, वहीं कोलकाता में 1.9 लाख वर्गफुट स्थल किराये पर लिया गया।
मुंबई और पुणे में भी पट्टे पर कार्यालय स्थल लेने में तिमाही आधार पर गिरावट आई।
भाषा मानसी पाण्डेय
पाण्डेय
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