विदेशों में खाद्य तेलों के दाम लगातार टूटने से तेल-तिलहन में गिरावट |

विदेशों में खाद्य तेलों के दाम लगातार टूटने से तेल-तिलहन में गिरावट

विदेशों में खाद्य तेलों के दाम लगातार टूटने से तेल-तिलहन में गिरावट

:   Modified Date:  December 2, 2022 / 05:54 PM IST, Published Date : December 2, 2022/5:54 pm IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में तेल-तिलहनों के दाम में भारी गिरावट आने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को एक बार फिर लगभग सभी तेल-तिलहन औंधे मुंह गिरे। नीचे भाव में बिकवाली नहीं करने और मंडी में आवक कम होने से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में तीन प्रतिशत की गिरावट है और शाम को एक्सचेंज नहीं खुलेगा। शिकॉगो एक्सचेंज में फिलहाल लगभग 3.5 प्रतिशत की गिरावट है।

सूत्रों ने कहा कि देशी तेलों की पेराई में तेल मिलों को काफी हानि है क्योंकि सरसों, मूंगफली, बिनौला तेलों की पेराई की लागत सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले काफी अधिक बैठती है। ऐसे में देश में तेल-तिलहन उत्पादन कैसे बढ़ेगा? जब विदेशों में सीपीओ, पामोलीन सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम जैसे तेलों के दाम काफी बढ़ गये थे तब सरकार ने कहीं शुल्क मुक्त आयात की छूट दी और कुछ मामलों में आयात शुल्क कम कर दिया। अब जबकि आयातित तेलों के दाम टूटकर लगभग आधे रह गये हैं तो सरकार को कोई कदम जल्द से जल्द उठाना होगा जो तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। सस्ते आयात के सामने देशी तेल-तिलहन उत्पादक अपना उत्पादन बढ़ाने से हिचकेंगे क्योंकि उन्हें सस्ते आयातित तेलों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ताओं को तेल-तिलहन बाजार की रोज के मंदे से छुटकारा दिलाने के प्रयास होना चाहिये।देश में तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाकर विदेशों पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। सरकार को देश के तिलहन किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए आयातित सस्ते तेलों पर अधिक से अधिक आयात शुल्क लगाना चाहिये जिससे देश को राजस्व की भी प्राप्ति होगी।

शुक्रवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,100-7,150 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,360-6,420 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,800 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,390-2,655 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,120-2,250 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,180-2,305 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,450-5,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 5,260-5,310 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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