ओएनजीसी ‘गैस फ्लेयरिंग’ में कमी के लिए करेगी हरित बिजली का इस्तेमालः चेयरमैन

ओएनजीसी ‘गैस फ्लेयरिंग’ में कमी के लिए करेगी हरित बिजली का इस्तेमालः चेयरमैन

ओएनजीसी ‘गैस फ्लेयरिंग’ में कमी के लिए करेगी हरित बिजली का इस्तेमालः चेयरमैन
Modified Date: December 6, 2023 / 05:27 pm IST
Published Date: December 6, 2023 5:27 pm IST

(अम्मार जैदी)

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी ने अपने तेल कुओं के संचालन में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस की जगह अरब सागर में स्थित अपनी इकाइयों को हरित बिजली देने की योजना बनाई है।

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ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने दुबई में आयोजित 28वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में कहा कि कंपनी ने सतह के नीचे से तेल निकालते समय जलने वाली गैस यानी फ्लेयरिंग में काफी हद तक कटौती की है और यह अपनी पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के हिस्से के रूप में इसे शून्य पर लाने पर विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि ओएनजीसी बिजली पैदा करने के साथ तेल एवं गैस क्षेत्र की संपीडन एवं अन्य प्रक्रियागत जरूरतें पूरा करने के लिए बहुत अधिक गैस का इस्तेमाल करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2028 तक इस गैस को पश्चिमी तट से 160 किलोमीटर दूर तक के प्रतिष्ठानों में हरित ऊर्जा से बदलने का इरादा है। इस तरह बची हुई गैस उर्वरक और बिजली संयंत्रों जैसे उद्योगों को बेची जाएगी।’’

दुनियाभर की कंपनियों ने वर्ष 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को 2020 के स्तर से 30 प्रतिशत तक कम करने का वादा किया है। कार्बन डाई-ऑक्साइड की तुलना में अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस मीथेन वायुमंडल में लीक हो जाती है।

ओएनजीसी चेयरमैन ने ‘मीथेन उत्सर्जन की कटौती में तेजी लाने और तेल एवं गैस के डीकार्बोनाइजेशन’ विषय पर आयोजित एक सत्र में कहा, ‘‘हम मीथेन उत्सर्जन को कम करने पर लगातार काम कर रहे हैं। हमारे भूगोल और जनसंख्या के कारण हमारे पास मीथेन की फ्लेयरिंग की शायद ही कोई गुंजाइश है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गैस के लिए ग्राहकों की कमी के कारण पहले जो फ्लेयरिंग की जाती थी, उसमें लगभग 80 प्रतिशत की कमी की गई है। हम अपने परिचालन से शून्य मीथेन बनाकर धरती की मदद करना चाहते हैं।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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