अगले कई दशक भारत के, वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने को नीतिगत स्थिरता जरूरी: मारुति सुजुकी एमडी
अगले कई दशक भारत के, वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने को नीतिगत स्थिरता जरूरी: मारुति सुजुकी एमडी
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने शुक्रवार को कहा कि अगले कई दशक भारत के हैं।
उन्होंने भारत को एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बताते हुए कहा कि नीतिगत स्थिरता बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश, दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने की आकांक्षा रखता है।
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अशांत वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक दौर के बीच भारत के लिए खुद को एक भरोसेमंद, लचीले और टिकाऊ विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक असाधारण अवसर है।
ताकेउची ने कहा, ”जब हम इतिहास पर नजर डालते हैं, तो हर कुछ दशकों में एक नया राष्ट्र आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे अमेरिका, यूरोप, जापान और एशियाई टाइगर्स (हांगकांग, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और ताइवान) ने 20वीं सदी की शुरुआत से लेकर अंत तक अपने-अपने दौर देखे हैं।
उन्होंने कहा, ”पिछले तीन दशक चीन के रहे हैं, क्योंकि वह दुनिया का कारखाना बन गया। अब, अगले कई दशक भारत के हैं।”
उन्होंने भारत की खूबियों का जिक्र किया, जैसे दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी उम्र की आबादी, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, सक्रिय सरकारी समर्थन और भारतीयों में लचीलेपन की भावना तथा नवाचार की गहरी समझ।
ताकेउची ने कहा कि भारत सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कम किया है, पीएलआई जैसी साहसिक पहल की और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम शुरू किए।
उन्होंने कहा, ”प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों में कमी, और घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि ये सभी कदम उद्योग के प्रति सरकार की स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय

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