सुरजमुखी तेल आयात बढ़ने से बिनौलातेल सहित खद्यतेलों के भाव लुढ़के |

सुरजमुखी तेल आयात बढ़ने से बिनौलातेल सहित खद्यतेलों के भाव लुढ़के

सुरजमुखी तेल आयात बढ़ने से बिनौलातेल सहित खद्यतेलों के भाव लुढ़के

:   Modified Date:  January 24, 2023 / 06:49 PM IST, Published Date : January 24, 2023/6:49 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) सूरजमुखी के साथ साथ अन्य खाद्यतेलों के रिकॉर्ड आयात के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को बिनौला तेल सहित सरसों तिलहन, मूंगफली और सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन के भाव में गिरावट रही। दूसरी ओर सरसों तेल, सोयाबीन तिलहन और सोयाबीन डीगम तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि इस साल जनवरी में ही सभी खाद्यतेलों का आयात बढ़कर 17.70 लाख टन का हो गया है। पिछले साल हर महीने औसतन 11.66 लाख टन खाद्यतेलों का आयात हो रहा था। इसमें अकेले सूरजमुखी तेल का आयात 4.70 लाख टन का हुआ है जो हर महीने औसतन पौने दो से दो लाख टन के लगभग होता था।

उन्होंने कह कि ऐसे में सोचना यह है कि देशी तिलहन सोयाबीन, बिनौला, मूंगफली और आगामी सरसों तिलहन कैसे खपेगा और इनसे पशु आहार और मुर्गीदाने के लिए जरूरी माने जाने वाले खल एवं डीआयल्ड केक (डीओसी) कहां से मिलेगा?

कुछेक तेल संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी देश के तेल उद्योग और तिलहन किसानों के प्रति अपनी चिंता जताते हुए कहा है कि सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए आयात शुल्क लगाया जाना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि कायदे से सरकार को सोयाबीन के शुल्कमुक्त आयात पर रोक के साथ ही सूरजमुखी तेल के भी शुल्कमुक्त आयात को रोकने की घोषणा कर देनी चाहिये थी।

उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल शुल्कमुक्त आयात प्रणाली की व्यवस्था को रोकते हुए सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे नरम खाद्य तेलों पर अधिकतम सीमा तक आयात शुल्क लगाना होगा और इसमें देर करना सरसों या तिलहन उत्पादक किसानों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

सूत्रों ने कहा कि खुदरा कारोबार करने वाली कंपनियों द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) लगभग 30-70 रुपये तक अधिक छापा जाता है। इसी की वजह से वैश्विक कीमतों में आई गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाता और इसे नियंत्रित करने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को सभी कंपनियों को निर्देश देना चाहिये कि वे सरकारी वेबसाइट पर अपने एमआरपी की नियमित तौर पर घोषणा करें ताकि सभी को तेल के वास्तविक दाम का पता लग सके।

इस बीच, शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल 0.7 प्रतिशत कमजोर है।

सूत्रों ने कहा कि देश में सूरजमुखी तेल के रिकॉर्ड आयात का कारण 31 मार्च तक शुल्कमुक्त आयात की कोटा व्यवस्था का होना है।

सोयाबीन डीगम तेल में अधिक कामकाज नहीं होने से यह पूर्वस्तर पर बना रहा। मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,430-6,440 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,480-6,540 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,460 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,435-2,700 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,055-2,085 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,015-2,140 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,280 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,950 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,840 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,880 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,480-5,560 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 5,220-5,240 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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