विदेशी बाजारों में सामान्य कारोबार के बीच अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव स्थिर |

विदेशी बाजारों में सामान्य कारोबार के बीच अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव स्थिर

विदेशी बाजारों में सामान्य कारोबार के बीच अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव स्थिर

:   Modified Date:  December 5, 2022 / 06:50 PM IST, Published Date : December 5, 2022/6:50 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में कारोबार के सामान्य रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली जबकि सरसों और मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), बिनौला, पामोलीन तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा, ‘‘देश में खाद्य तेल आयात की कोटा प्रणाली के कारण बाकी आयात प्रभावित होने की वजह से खाद्य तेलों की आपूर्ति घट गई है जिससे सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम के थोक भाव बढ़ गये हैं। थोक में सोयाबीन डीगम सात रुपये किलो और सूरजमुखी 20-22 रुपये किलो प्रीमियम दाम के साथ बेचे जा रहे हैं। जब विदेशों में खाद्य तेलों के दाम काफी अधिक थे तब सरकार ने कोटा प्रणाली के तहत एक निश्चित मात्रा में शुल्क मुक्त आयात की छूट दी थी लेकिन अब इन आयातित तेलों के दाम लगभग आधा टूट गये हैं और कोटा प्रणाली लागू होने के बाद बाकी आयात ठप हो जाने के बाद इन आयातित तेलों की बिक्री थोक बाजार में प्रीमियम के साथ ऊंचे दामों पर की जा रही है। सोयाबीन तेल में आई गिरावट का कारण इस तरह समझा जाना चाहिये कि शार्ट सप्लाई की वजह से थोक में ऊंचे दाम पर खाद्य तेल की बिक्री करने से व्यापारियों को जो पहले मुनाफा मिलता था वह पहले के मुकाबले कुछ घट गया है। लेकिन इसकी तुलना में खुदरा में खाद्य तेलों के भाव में अधिक कमी नहीं आई है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने तेल कीमतों में नरमी लाने के मकसद से कोटा प्रणाली लागू की थी, लेकिन कम आपूर्ति की स्थिति पैदा होने से ग्राहकों को खाद्य तेल प्रीमियम पर महंगे में खरीदना पड़ रहा है। आगे के महीनों में खाद्य तेलों के आयात का भाव कहीं और सस्ता बैठ रहा है और इस तरह से उस वक्त भी विदेशों में भाव आगे और घटे तो फिर से शार्ट सप्लाई की स्थिति बन सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि देश में सूरजमुखी की बुवाई होनी है और ऐसी असमंजस की स्थिति में कौन किसान इस तिलहन की बुवाई का जोखिम लेगा जबकि दाम पहले से काफी टूटे पड़े हैं। लेकिन कोटा प्रणाली तेल-तिलहन कारोबार को ‘दीमक’ की तरह नष्ट करने में लगी है इसे जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिये।’’

सूत्रों ने कहा कि प्रमुख तेल संगठन सोपा ने वायदा कारोबार नहीं खोलने का पक्ष लिया है जबकि कुछ अन्य संगठन इसे खोलने के हिमायती हैं। इनमें से किसी संगठन को बाजार की उपर्युक्त स्थिति के बारे में सरकार को आगाह करना चाहिये जो उनकी जिम्मेदारी बनती है। सूत्रों ने कहा कि कोटा प्रणाली न होने के कारण पाम और पामोलीन में ज्यादा उठापटक नहीं है लेकिन यह भारी घट-बढ़ सिर्फ सूरजमुखी और सोयाबीन में ही है। उन्होंने कहा कि इसी वायदा कारोबार में 2020-21 के लगभग अक्टूबर-नवंबर के दौरान जब किसानों की फसल आई थी तो इसका भाव लगभग 4,400-4,600 रुपये क्विंटल था लेकिन बाद में इसी सोयाबीन का दाम लगभग 10,500-11,000 रुपये क्विंटल कर दिया गया था। वायदा कारोबार का सहारा लेकर सटोरिये बाजार को अस्थिर करने और देश के आत्मनिर्भरता के सपने को चोट पहुंचाते हैं।

सूत्रों ने कहा कि देश के प्रमुख तेल संगठनों को सरकार को जमीनी हकीकत भी बताना चाहिये कि सस्ते खाद्य तेलों के आयात से देश के तेल तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य गंभीर रूप से प्रभावित होगा और इस स्थिति को बदलने के लिए इन सस्ते आयातित तेलों पर पहले की तरह और हो सके तो अधिकतम सीमा तक आयात शुल्क लगा दिया जाना चाहिये। अगर खाद्य तेलों के दाम कम रहे तो खल की भी उपलब्धता कम हो जायेगी।

सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,100-7,150 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,360-6,420 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,800 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,390-2,655 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,120-2,250 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,180-2,305 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,450 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,950 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,000 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,450-5,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 5,260-5,310 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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