नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) खान मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों को उनके द्वारा खोजे गए महत्वपूर्ण और गहरे खनिज ब्लॉकों की नीलामी में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
इस कदम से खनिज अन्वेषण में बड़ी खनन कंपनियों को आकर्षित करने में मदद मिलने और दुनिया भर से छोटी खनन कंपनियों को भारत आने का प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
अन्वेषण कार्यों के लिए राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) के वित्तपोषण के साथ अन्वेषण परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। महत्वपूर्ण खनिजों का इस्तेमाल नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में किया जाता है।
खान मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को महत्वपूर्ण और गहरे खनिजों की खोज के लिए परियोजनाओं को सीधे मंजूरी देने के लिए एक नई योजना भी शुरू की गई है। यह नई योजना अन्वेषण के क्षेत्र में नई तकनीक लाने में मदद करेगी।
एनपीईए को सीधे खान मंत्रालय में परियोजनाएं पेश करने की मंजूरी देने से परियोजनाओं की मंजूरी में होने वाली देरी को कम करने और परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन में मदद मिलेगी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस कदम का उद्देश्य महत्वपूर्ण और गहराई में मौजूद खनिजों की खोज को बढ़ावा देना है।
खान एवं खनिज विकास नियमन (एमएमडीआर) अधिनियम में हाल में किए गए एक संशोधन के बाद खान मंत्रालय ने ग्रेफाइट और निकल जैसे 24 खनिजों को महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों के रूप में अधिसूचित किया था।
यह संशोधन अधिनियम केंद्र को इन खनिजों को खनिज रियायत देने का अधिकार देता है ताकि वह इन खनिजों की नीलामी को प्राथमिकता दे सके। इस संशोधन अधिनियम के तहत अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों को महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी में शामिल होने की मंजूरी दी गई है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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