सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अगले तीन महीनों में 25,000 करोड़ रुपये जुटाएंगे: वित्तीय सेवा सचिव

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अगले तीन महीनों में 25,000 करोड़ रुपये जुटाएंगे: वित्तीय सेवा सचिव

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अगले तीन महीनों में 25,000 करोड़ रुपये जुटाएंगे: वित्तीय सेवा सचिव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: December 20, 2020 5:30 am IST

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्ज मांग के समर्थन और नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिये अगले तीन महीनों में इक्विटी शेयर और बांड के जरिये करीब 25,000 रुपये पूंजी जुटाने की योजना बना रहे हैं।

वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांड ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बाजार से 40,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बैंक बाजार से पूंजी जुटाने में सक्षम रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 40,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाये हैं। यह पूंजी इक्विटी शेयर और एटी 1 (अतिरिक्त टियर-1) और टियर दो (बांड) के जरिये जुटायी गयी। हम चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये की पूंजी और जुटाने की उम्मीद कर रहे हैं।’’

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इस महीने की शुरूआत में, केनरा बैंक ने 2,000 करोड़ रुपये जबकि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 3,788.04 करोड़ रुपये जुटाये।

इसके अलावा सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है। इसमें से वित्त मंत्रालय ने 5,500 करोड़ रुपये पंजाब एंड सिंध बैंक को नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिये दिये। सरकार ने तरजीही आधार पर इक्विटी शेयर आबंटन के जरिये पूंजी डाले जाने को मंजूरी दी।

वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से कर्ज मांग को पूरा करने के लिये बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी।

बैंकों की वित्तीय स्थिति के बारे में पांडा ने कहा कि पिछली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से 11 लाभ में रहें।

उन्होंने कहा कि बैंकों का एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है और इससे प्रावधान दायरा अनुपात भी कम हुआ है।

पांडा ने कहा, ‘‘संपत्ति पर रिटर्न में सुधार की कुछ गुंजाइश है और बैंक उस पर काम कर रहे हैं। कुल मिलाकर, सभी वित्तीय मानदंड सकारात्मक परिणाम दिखा रहे हैं।’’

भाषा रमण

रमण


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