कामकाजी घंटे का लंबा होना नहीं, समय की गुणवत्ता महत्वपूर्णः इन्फोसिस सह-संस्थापक

कामकाजी घंटे का लंबा होना नहीं, समय की गुणवत्ता महत्वपूर्णः इन्फोसिस सह-संस्थापक

कामकाजी घंटे का लंबा होना नहीं, समय की गुणवत्ता महत्वपूर्णः इन्फोसिस सह-संस्थापक
Modified Date: December 22, 2025 / 06:51 pm IST
Published Date: December 22, 2025 6:51 pm IST

मुंबई, 22 दिसंबर (भाषा) दिग्गज सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक एस डी शिबूलाल ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बहुचर्चित सलाह पर कहा है कि काम में समय की लंबाई से ज्यादा, समय की गुणवत्ता मायने रखती है।

इन्फोसिस के ही एक अन्य सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने पेशेवरों को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी जिसके बाद काफी विवाद पैदा हो गया था।

शिबूलाल ने आईआईएमयूएन की तरफ से यहां आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में नारायणमूर्ति के सुझाव पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि समय से ज्यादा समय की गुणवत्ता अधिक मायने रखती है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘अभी मैं यहां बैठा हूं तो मुझे पूरी तरह यहां उपस्थित रहना है। मैं अपना ध्यान भटकने नहीं दे सकता। मुझे मोबाइल या किसी अन्य विचार से अपना ध्यान भटकने नहीं देना है।’’

इसके साथ ही शिबूलाल ने कहा कि समय के प्रबंधन के लिहाज से व्यक्तिगत प्राथमिकताएं और समय का विभाजन हर व्यक्ति की अपनी पसंद होती है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जीवन में व्यक्तिगत, पेशेवर और सार्वजनिक जीवन के रूप में तीन आयाम हैं और इनके बीच समय का संतुलन तय करना व्यक्ति का अपना चुनाव होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जो भी आप चुनें, उसे पूरी निष्ठा और पूर्ण समर्पण के साथ करना चाहिए। आपको उसमें 100 प्रतिशत उपस्थित रहना होगा।’’

शिबूलाल ने 2011 से 2014 तक इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के रूप में जिम्मेदारी निभाई थी।

नारायणमूर्ति के 70 घंटे के कामकाजी सप्ताह संबंधी सुझाव से निजी एवं कामकाजी जीवन के बीच संतुलन का मुद्दा बहस के केंद्र में आ गया था। इंजीनियरिंग एवं निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के शीर्ष प्रबंधन ने तो 90 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की राय दी थी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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