महानगरों में तेजी से बढ़ रहा है ‘क्विक कॉमर्स’ क्षेत्र, पर गैर-महानगरों में करना पड़ रहा है संघर्ष

महानगरों में तेजी से बढ़ रहा है ‘क्विक कॉमर्स’ क्षेत्र, पर गैर-महानगरों में करना पड़ रहा है संघर्ष

महानगरों में तेजी से बढ़ रहा है ‘क्विक कॉमर्स’ क्षेत्र, पर गैर-महानगरों में करना पड़ रहा है संघर्ष
Modified Date: July 3, 2025 / 09:28 pm IST
Published Date: July 3, 2025 9:28 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) भारत का त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन महानगरों से हटकर इसे लाभप्रद रूप से आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

कम मांग, डिजिटल परिपक्वता और स्थानीय खरीदारी की आदतों के कारण सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में गैर-महानग क्षेत्रों का योगदान केवल 20 प्रतिशत का है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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बाजार शोध कंपनी रेडसीर के अनुसार, भारतीय क्विक कॉमर्स उद्योग वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों के दौरान सालाना आधार पर लगभग 150 प्रतिशत की दर से बढ़ा। इसे “डार्क स्टोर्स” के विस्तार और तेज प्रतिस्पर्धा से बढ़ावा मिला।

इसके बावजूद 100 से अधिक शहरों में क्विक कॉमर्स मंच की उपस्थिति के बावजूद गैर-महानगर शहर (आठ महानगरों को छोड़कर) इस क्षेत्र के जीएमवी में केवल 20 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं।

वैश्विक प्रबंधन परामर्श फर्म कियर्नी के अनुसार, क्विक कॉमर्स किराना बाज़ार 2024 और 2027 के बीच तीन गुना होगर 1.5 लाख करोड़ से 1.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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