आरबीआई ने एनपीसीआई को ‘ग्राहक से दुकानदार’ के बीच भुगतान सीमा बढ़ाने की अनुमति दी

आरबीआई ने एनपीसीआई को ‘ग्राहक से दुकानदार’ के बीच भुगतान सीमा बढ़ाने की अनुमति दी

आरबीआई ने एनपीसीआई को ‘ग्राहक से दुकानदार’ के बीच भुगतान सीमा बढ़ाने की अनुमति दी
Modified Date: April 9, 2025 / 11:41 am IST
Published Date: April 9, 2025 11:41 am IST

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को ‘ग्राहकों से दुकानदारों’ को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के माध्यम से लेनदेन की सीमा में संशोधन की अनुमति देने का निर्णय किया है।

हालांकि, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच यूपीआई के जरिये लेनदेन की सीमा पहले की तरह एक लाख ही रहेगी।

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वर्तमान में ग्राहकों से दुकानदारों (पी टू एम) को पूंजी बाजार, बीमा, जैसे मामलों में प्रति लेनदेन दो लाख रुपये, जबकि कर भुगतान, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पताल, आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भुगतान सीमा पांच लाख रुपये है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि एनपीसीआई को व्यक्ति से कारोबारियों को यूपीआई माध्यम से लेनदेन सीमा में संशोधन की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है।

केंद्रीय बैंक के बयान के अनुसार, ‘‘अर्थव्यवस्था की जरूरतों के मुताबिक नए उपयोग के मामलों में एनपीसीआई, बैंकों और यूपीआई परिवेश से जुड़े अन्य पक्षों के परामर्श से, उपयोगकर्ता की बदलती जरूरतों के आधार पर ऐसी सीमाओं की घोषणा और संशोधन कर सकता है।’’

बैंकों को एनपीसीआई की घोषित सीमाओं के भीतर अपनी आंतरिक सीमाएं तय करने का विवेकाधिकार बना रहेगा।

आरबीआई ने यह भी कहा कि ऊंची सीमा से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए उचित सुरक्षा उपाय किए जाएंगे

भाषा

रमण अजय

अजय


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