आरबीआई ने वित्तीय समावेशन बढ़ाने की पंचवर्षीय रणनीति जारी की
आरबीआई ने वित्तीय समावेशन बढ़ाने की पंचवर्षीय रणनीति जारी की
मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अगले पांच वर्षों में वित्तीय समावेशन बढ़ाने के मकसद से सोमवार को एक राष्ट्रीय रणनीति जारी की।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि ‘वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति (एनएसएफआई), 2025-30’ रणनीति का लक्ष्य वित्तीय सेवाओं की अंतिम उपभोक्ता तक पहुंच को मजबूत करना और इन सेवाओं के नियमित एवं प्रभावी उपयोग को बढ़ाना है।
इस रणनीति में ‘पंच-ज्योति’ नाम से पांच प्रमुख उद्देश्यों और उन्हें लागू करने के लिए 47 कार्य बिंदुओं को शामिल किया गया है।
इनमें महिलाओं पर केंद्रित नीतिगत पहल, कमजोर एवं वंचित वर्गों की वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने के लिए अलग-अलग रणनीतियां और परिवारों एवं सूक्ष्म उद्यमों के लिए सस्ती, जिम्मेदार और उपयुक्त वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाना प्रमुख है।
आरबीआई ने बताया कि नई रणनीति आजीविका, कौशल विकास और सहयोगी परिवेश को वित्तीय समावेशन से जोड़ने पर भी जोर देती है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी प्रस्तावना में कहा कि 2024 में समाप्त हुई पिछली पंचवर्षीय रणनीति ने अपने लक्ष्यों को पा लिया है।
उन्होंने कहा कि नई रणनीति अवधि में वित्तीय शिक्षा को अनुशासन बढ़ाने के माध्यम के रूप में उपयोग करने और ग्राहक संरक्षण व शिकायत निवारण को और विश्वसनीय बनाने पर काम किया जाएगा।
बयान के मुताबिक, यह रणनीति देश भर में विभिन्न हितधारकों से परामर्श के बाद तकनीकी समूह के तहत बनाई गई है। इसमें वित्त मंत्रालय, सेबी, इरडा, पीएफआरडीए, नाबार्ड और अन्य संस्थाओं का सहयोग शामिल है।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
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